गलत सूचना और अफवाहों का खंडन…जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले में सर्वोच्च न्यायालय का स्पष्टीकरण  

दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास पर हुई घटना को लेकर कई गलत सूचना और अफवाहें फैलाई जा रही हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ. दरअसल, HC जज के बंगले में आग लगी और इस आगजनी के दौरान कैश का भंडार उजागर हुआ था. बता दें कि जस्टिस वर्मा के घर बेहिसाब अकूत दौलत कमरे में थी.जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास में आग लगी थी…इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बड़ी कार्रवाई की थी. जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर किया था… लेकिन ऐसा नहीं है…इस मामले में ताजा जानकारी सामने आ रही है.दरअसल, आवास में लगी आग और उस दौरान कैश भी मिला था.लेकिन जज का ट्रांसफर उस मामले में एक्शन लेते हुए नहीं किया गया है बल्कि किसी और वजह से किया गया है.

सर्वोच्च न्यायालय का न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के मामले पर बयान

गलत सूचना और अफवाहों का खंडन
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास पर हुई घटना को लेकर कई गलत सूचना और अफवाहें फैलाई जा रही हैं। इन अफवाहों को स्पष्ट करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि इस मामले की पूरी जांच स्वतंत्र और आंतरिक प्रक्रिया के तहत की जा रही है।

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का स्थानांतरण प्रस्ताव
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा, जो दिल्ली उच्च न्यायालय में दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश और कॉलेजियम के सदस्य हैं, को उनके मूल उच्च न्यायालय इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया गया है। इस स्थानांतरण में उनकी वरिष्ठता में कमी आएगी, और वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय में नौवें स्थान पर होंगे।

कॉलेजियम की जांच प्रक्रिया
भारत के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों वाले कॉलेजियम ने 20 मार्च 2025 को इस प्रस्ताव की जांच की। इसके बाद, सर्वोच्च न्यायालय के परामर्शी न्यायाधीशों और संबंधित उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से प्रतिक्रिया प्राप्त की गई है। अब कॉलेजियम इन प्रतिक्रियाओं की जांच करेगा और फिर इस पर एक प्रस्ताव पारित करेगा।

Related Articles

Back to top button