
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को रेपो रेट में 40 बेसिसि प्वाइंट का इजाफा किया जिससे रेपो रेट बढ़कर 4.40 फीसदी हो गई है। करीब चार साल बाद यह पहला मौका है जब आरबीआई ने बेस रेट में बढ़ोतरी की है। पिछली बढ़ोतरी की घोषणा 3 अगस्त, 2018 को की गई थी जब दरों को 6.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत कर दिया गया था,
जिसके बाद आरबीआई ने दरों को कम करना शुरू कर दिया था। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, “मौद्रिक नीति समिति ने 2-4 मई को एक ऑफ-साइकिल बैठक की और सर्वसम्मति से रेपो दरों में तत्काल प्रभाव से 40 बीपीएस की वृद्धि करने का फैसला किया।” आरबीआई ने 22 मई, 2020 से दरों पर 4 प्रतिशत पर यथास्थिति बनाए रखी थी, जब दरों को 4.4 प्रतिशत से घटा दिया गया था। बता दे कि रेपो रेट में बढोतरी होने से कार लोन जैसे अन्य कर्जों की ईएमआई बढ़ जाएगी।

वहीं शक्तिकांत दास ने बताया कि ऑफ-साइकिल बैठक मुद्रास्फीति वृद्धि की गतिशीलता और वर्तमान आर्थिक विकास के प्रभाव का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए आयोजित की गई थी। उन्होंने कहा, “एमपीसी की कार्रवाई का उद्देश्य मुद्रास्फीति में वृद्धि को रोकना और मुद्रास्फीति की उम्मीदों को फिर से स्थापित करना है।” आरबीआई ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को भी 50 आधार अंकों से बढ़ाकर 4.5 प्रतिशत कर दिया है, जो 21 मई, 2022 से प्रभावी होगा।