दिल्ली में कोरोना को लेकर लगी पाबंदिया, मेट्रो स्टेशन के बाहर उड़ी कोरोना नियमों की धज्जियां

गाजियाबाद ही नही बल्कि पूरे दिल्ली एनसीआर में आम लोगो के लिए बुधवार की सुबह परेशानी लेकर आई, खासकर उन नौकरीपेशा लोगो के लिए जिनकी जिंदगी की लाइफलाइन मेट्रो है। दिल्ली में मगंलवार की रात से ही बढ़ते हुए कोरोना के केस के मद्देनजर मेट्रो सेवा का संचालन 50 फीसद क्षमता के साथ शुरू करने का फैसला लिया गया हैं। ये फैसला DDMA के आदेशों के अनुपालन में लिया गया है।

रिपोर्ट : लोकेश राय

गाजियाबाद ही नही बल्कि पूरे दिल्ली एनसीआर में आम लोगो के लिए बुधवार की सुबह परेशानी लेकर आई, खासकर उन नौकरीपेशा लोगो के लिए जिनकी जिंदगी की लाइफलाइन मेट्रो है। दिल्ली में मगंलवार की रात से ही बढ़ते हुए कोरोना के केस के मद्देनजर मेट्रो सेवा का संचालन 50 फीसद क्षमता के साथ शुरू करने का फैसला लिया गया हैं। ये फैसला DDMA के आदेशों के अनुपालन में लिया गया है।

जिसके बाद ग़ाज़ियाबाद के जो कामकाजी लोग दिल्ली में नौकरी करते है अब उन्हें मेट्रो में सफर करने के लिए घण्टो लाइन के लगकर इंतजार करना पड़ रहा है। सुबह से ही शहीद स्थल नया बस अड्डा मेट्रो स्टेशन के बाहर लंबी कतार में लोग घण्टो इंतजार करते देखे गए। दोपहर तक हालात ऐसे ही बने रहे। मेट्रो से सफर करने वाले दैनिक यात्रियों की माने तो उन्हें स्टेशन के बाहर पीक आवर्स में 2 घंटे से ज्यादा का इंतजार करना पड़ रहा हैं। सरकार ने निजी दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम की घोषणा का पालन करने के लिए और पुख्ता कदम उठाने चाहिए जिससे लोग घर से काम कर सके और बेवजह मेट्रो में बढ़ने वाली भीड़ को कम किया जा सके।

मेट्रो मे दो ग़ज़ की दूरी सड़को पर भीड़ की मजबूरी।

वहीं मेट्रो स्टेशन और ट्रेन के भीतर भले ही दिल्ली मेट्रो दो ग़ज़ की दूरी का पालन करवा रही हो। लोगो की सुरक्षा के लिए 50 फीसद क्षमता के साथ संचालन किया जा रहा हो लेकिन स्टेशन के बाहर लोग एक दूसरे से सट कर नजर आ रहे है स्टेशन के बाहर कई सौ मीटर की लंबी लाइन देखी जा सकती है जहाँ पर ना तो सोशल डिस्टेनसिंग का पालन हो रहा है। ऐसे में यात्रियों के संक्रमित होने का खतरा बना हुआ है। जानकारों का मानना है कि जब तक निजी और सरकारी दफ्तरों में 50 फीसद क्षमता के साथ कार्यादेश जारी नही होंगे तब तक मेट्रो के बाहर भीड़ को रोक पाना मुश्किल है।

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