अडानी के सौर उर्जा ऑपरेशन्स में रोबोट दिखाएगा कमाल, जल-मुक्त रोबोटिक सफाई प्रणाली का होगा इस्तेमाल

सौर ऊर्जा एक रिन्यूएबल रिर्सोस है जो सूर्य अस्त होने तक अक्षय रहता है। यह ग्रीन इलेक्ट्रिसिटी पैदा करने में प्रमुख भूमिका निभाता है लेकिन सौर मॉड्यूल की सफाई में पानी का महत्वपूर्ण योगदान है। कुशल विद्युत उत्पादन के लिए सौर पैनलों की सफाई आवश्यक है। ग्रीन इलेक्ट्रिसिटी उत्पादन को टिकाऊ बनाने के अपने प्रयासों में, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल), उन्नत टेक्नोलॉजी को पेश कर अपने सौर पोर्टफोलियो के वाटर फुटप्रिंट को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

डेस्क : सौर ऊर्जा एक रिन्यूएबल रिर्सोस है जो सूर्य अस्त होने तक अक्षय रहता है। यह ग्रीन इलेक्ट्रिसिटी पैदा करने में प्रमुख भूमिका निभाता है लेकिन सौर मॉड्यूल की सफाई में पानी का महत्वपूर्ण योगदान है। कुशल विद्युत उत्पादन के लिए सौर पैनलों की सफाई आवश्यक है। ग्रीन इलेक्ट्रिसिटी उत्पादन को टिकाऊ बनाने के अपने प्रयासों में, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल), उन्नत टेक्नोलॉजी को पेश कर अपने सौर पोर्टफोलियो के वाटर फुटप्रिंट को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

अडानी ग्रीन, सौर मॉड्यूल के रखरखाव के लिए पानी की खपत को कम करने के लिए अब जल-मुक्त रोबोटिक सफाई प्रणाली का इस्तेमाल कर रहा है। एजीईएल ने इसे अपने ऑपरेशन्स सौर, हाइब्रिड साइट (हाइब्रिड की सौर क्षमता) और अपनी भविष्य की परियोजनाओं में लागू करने की योजना बनाई है, विशेष रूप से राजस्थान और गुजरात के कच्छ जैसे सूखे क्षेत्रों में, जहां रिन्यूएबल वाटर सोर्स दुर्लभ हैं। इसके इस्तेमाल से सौर मॉड्यूल रखरखाव के लिए पानी का उपयोग शून्य हो जाएगा।

वर्तमान में, एजीईएल के ऑपरेशन्स सौर और हाइब्रिड संयंत्रों के 30% यानी 7,043 मेगावाट में से 2,070 मेगावाट (हाइब्रिड संयंत्रों के सौर + सौर घटक) में रोबोटिक सफाई तकनीक को पहले ही अपनाया जा चुका है। इससे सालाना 283 मिलियन लीटर पानी की बचत होगी, जो हर साल 2.7 मिलियन घरों की पानी की आवश्यकता के बराबर है।

एजीईएल रोबोट की आपूर्ति और स्थापना के लिए एक इजरायली फर्म के साथ 0.80 मिलियन अमेरिकी डॉलर का समझौता करने की संभावना है। ये ऑर्डर जोधपुर के पास फलोदी में 150 मेगावाट की निर्माणाधीन साइट के लिए होगा। जैसलमेरमें हाइब्रिड प्लांट में इंस्टालेशन का काम शुरू हो चुका है।

वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही की घोषणा के दौरान, अडानी ग्रीन एनर्जी के सीईओ, अमित सिंह ने कहा “भारत के डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्यों के अनुरूप, हम 2030 तक 45 गीगावॉट से अधिक देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अडानी ग्रीन के पास सबसे बड़ा ऑपरेटिंग रिन्यूएबल पोर्टफोलियो भारत में 8.4 गीगावॉट क्षमता का है। हम अपनी विकास क्षमताओं को बढ़ा रहे हैं क्योंकि हम अपने विकास के अगले चरण की तैयारी कर रहे हैं।”

पिछले कुछ सालों में, एजीईएल ने सौर पैनलों और मॉड्यूलों पर धूल जमा होने से निपटने के लिए रोबोट की सेवाएं ली हैं। ये रोबोट जल-मुक्त तकनीक का उपयोग करते हैं जो पर्यावरण के अनुकूल है और सौर पैनलों के ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाता है। मीठे पानी के संसाधनों की कमी को लेकर बढ़ती चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, एजीईएल पानी के स्थायी प्रबंधन पर संयुक्त राष्ट्र के सस्टेनेबल डेवलपमेंट लक्ष्य (एसडीजी) 6 के अनुरूप कई जल प्रबंधन गतिविधियाँ चला रहा है।

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