तमिलनाडु के हिंदी विरोध पर यूपी में बवाल, रालोद ने सपा-कांग्रेस पर साधा निशाना

तमिलनाडु सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत त्रिभाषा फॉर्मूले का विरोध करने और हिंदी भाषा पर की गई टिप्पणी को लेकर यूपी में....

तमिलनाडु सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत त्रिभाषा फॉर्मूले का विरोध करने और हिंदी भाषा पर की गई टिप्पणी को लेकर यूपी में सियासी घमासान छिड़ गया है। यूपी विधानसभा में राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के विधायकों ने मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के बयान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। रालोद विधायकों ने हिंदी भाषा के सम्मान और नई शिक्षा नीति के समर्थन में जोरदार नारेबाजी की।

रालोद ने सपा और कांग्रेस पर बोला हमला
रालोद विधायकों के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार ने सपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस DMK के हिंदी विरोध पर चुप क्यों हैं? क्या वे हिंदी का विरोध करने वालों के साथ खड़े हैं?” उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर राहुल गांधी और अखिलेश यादव से अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।

DMK के हिंदी विरोध पर जयंत चौधरी का पलटवार
रालोद प्रमुख और शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने भी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन को घेरा। उन्होंने एक्स पर लिखा, “स्टालिन जी, आप कितनी भाषाएं बोल और समझ सकते हैं? अगर बहुभाषावाद ने आपकी जिंदगी में मदद की है, तो तमिलनाडु के युवाओं को इससे क्यों वंचित किया जा रहा है?” जयंत चौधरी ने कहा कि भाषा सेतु होनी चाहिए, न कि विवाद का विषय।

सपा ने भूलाई मुलायम सिंह यादव की विचारधारा?
रालोद ने समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि स्व. मुलायम सिंह यादव हिंदी को बढ़ावा देने के प्रति संकल्पित थे, लेकिन अब उनकी पार्टी हिंदी विरोध करने वालों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषी जनता को इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठानी चाहिए।

क्या सपा-कांग्रेस हिंदी विरोधी मानसिकता रखती हैं?
रालोद ने सवाल उठाया कि DMK हिंदी भाषा का विरोध कर रही है और सपा व कांग्रेस चुप रहकर इसका समर्थन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी के सम्मान और संरक्षण के लिए कांग्रेस और सपा को ठोस कदम उठाने चाहिए।

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