
नई दिल्ली: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा कई मायनों में अलग दिखाई दिया है। 4 दिसंबर 2025 को जब पुतिन का विमान दिल्ली पहुंचे , तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल को दरकिनार करते हुए खुद एयरपोर्ट पर पहुंचकर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। यह पल भारत-रूस के रिश्तों की मजबूत साझेदारी का प्रतीक बन गया।
पुतिन और मोदी ने जिस कार में यात्रा की, उसने सबका ध्यान आकर्षित किया। सामान्यत: विदेशी मेहमानों के लिए बख्तरबंद काफिले का उपयोग किया जाता है, लेकिन इस बार दोनों नेता एक साधारण सफेद टोयोटा फॉर्च्यूनर में बैठे हुए थे। इस फॉर्च्यूनर की कीमत लगभग 45 लाख रुपये है, और यह आमतौर पर वीवीआईपी काफिलों का हिस्सा नहीं होती। यह कदम प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन के आपसी विश्वास को दर्शाता है।
पुतिन अपनी विदेश यात्राओं पर आमतौर पर सुपर-सिक्योर Aurus Senat कार का उपयोग करते हैं, जो एक चलती-फिरती सुरक्षा दीवार के जैसे होती है। लेकिन इस बार उन्होंने इसे इस्तेमाल नहीं किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दोनों नेताओं के बीच रिश्ते सिर्फ कूटनीतिक नहीं, बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर भी बहुत गहरे हैं।
प्रधानमंत्री आवास पर पुतिन के स्वागत के लिए विशेष तैयारियां की गईं, जहां भारत और रूस के झंडों की सजावट की गई थी और सुरक्षा कड़ी की गई थी। इस यात्रा में दोनों देशों के बीच रक्षा, ऊर्जा और व्यापार सहयोग पर गहन चर्चा प्रस्तावित है, जो भारत के संतुलित कूटनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।









