रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सोमवार का भारत दौरा यह सुनिश्चित करेगा कि मॉस्को उसका करीबी रक्षा साझेदार बना रहेगा। सरकारी सूत्रों ने बताया है कि पुतिन की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा, संस्कृति, रक्षा, अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई अहम समझौतों पर दस्तखत होंगे।
रक्षा क्षेत्र से जुड़े समझौतों की इस कड़ी में होंगे, AK-203 राइफल का उत्पादन सबसे अहम् मुद्दा रहने वाला है। रिसीप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक्स एग्रीमेंट (RELOS) पर भी सोमवार को हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। इस तरह के समझौते ईंधन और अन्य प्रावधानों तक आपसी आधार पर पहुंच को सुविधाजनक बनाने में मदद करते हैं, जब वे अपने देश से दूर काम कर रहे होते हैं।
चूंकि भारत पर संयुक्त राज्य अमेरिका का हमेशा से दबाव रहा है कि वह उससे अधिक रक्षा उपकरणों और प्रणालियों की खरीद करे और इस कारण की लिहाज से आज भारत जब रूस से एस -400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की खरीद करता है तो ऐसे में रूस पर Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act (CAATSA) प्रतिबंध का खतरा बना रहता है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि भारत अपनी रक्षा खरीद में रणनीतिक स्वायत्तता और अपने रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के प्रयास को जारी रखेगा। बता दें कि भारत में S-400 के पहले खेप की डिलीवरी शुरू हो चुकी है।