
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के मठाधीश और माफिया के बयान पर जमकर विरोध हो रहा है। जहां एक तरफ बीजेपी के नेता अखिलेश यादव को घेर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के साधु-संतों ने भी इस बयान पर नाराजगी जाहिर की है। धर्माचार्यों ने अखिलेश के इस बयान पर उन पर मठ-मंदिर की मर्यादा को नहीं समझने का आरोप लगाया है। साथ ही कानपुर में अखिलेश यादव का पुतला फूंक कर आक्रोश भी व्यक्त किया है।
मठों और माफिया में अंतर
सांसद अखिलेश यादव के बयान के बाद संतों ने कहा कि अखिलेश अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। ईश्वर अखिलेश को सद्बुद्धि प्रदान करें। मठाधीश को माफिया से जोड़ना निकृष्टता का परिचायक है। बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक प्रकाश शर्मा ने कहा कि उनको यह नहीं मालूम कि भारत के मठों ने स्वाधीनता के लिए संघर्ष किया है। वंदे मातरम का उद्घोष भारत के मठों से ही हमको प्राप्त हुआ है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि मठों और माफिया में अंतर बताता हूं। मठों का मठाधिपति आज देशभक्ति की बात करता है और माफिया सैफई में नंगा नाच कराते हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश यदि इस तरीके की बात करेंगे तो हिंदू समाज बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करेगा।
महंत जितेंद्र दास अखिलेश यादव पर भड़के
दूसरी तरफ पनकी मंदिर के महंत जितेंद्र दास अखिलेश यादव पर जमकर भड़के। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को खुद अक्ल नहीं है। यह खुद माफिया है। उनके बाप माफिया थे, उनके चाचा भी माफिया थे। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव अभी तक राजनीति की लड़ाई लड़ रहे थे। अब यह सीधी लड़ाई साधु-संतों से है। इतना ही नहीं महंत ने कहा जो अपने बाप का नही हुआ वो किसका होगा।









