वाराणसी। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर लोकसभा से सांसद अफजाल अंसारी के द्वारा कुंभ में ज्यादा गांजा की खपत का हवाला देकर गांजा को वैध किए जाने की मांग पर संत समाज में आक्रोश व्याप्त है। काशी के संतो ने कुंभ में गांजा की खपत ज्यादा बताए जाने पर अफजाल अंसारी को हद में रहने की नसीहत के साथ उनका संबंध गांजा सप्लायरों से होने की आशंका व्यक्त किया है। वाराणसी अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि “अफजाल अंसारी अपने आप को हलाल और हला तक ही सीमित रहे। संतो के थाली में क्या पड़ रहा है और कुंभ हमारी परंपरा है हमारा ऐश्वर्या है और संतों का अपना तपश्चार्य जीवन है।”
संतो ने अफजाल के बायन कि निंदा कहा संतो पर आरोप लगाने वालों को भेजा जाए पागलखाने
अफजाल अंसारी के बायना पर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि अफजाल अंसारी ने मालगाड़ी भरकर कुंभ में गांजा भेजने पर खपत होने की बात संत समाज को कभी बर्दास्त नही है। अफजाल अंसारी के पर क्या साबुत है, कि वहां संत महात्मा गांजा पीते है। अफजाल अंसारी के बयान से यही लगता है, कि अफजाल अंसारी का रिश्ता गांजा स्प्लायरों से है या फिर वह गांजा का व्यापार करते है। यदि वह गांजा को वैध करने की मांग कर रहे है, तो इससे साफ है कि कही न कही उनकी भूमिका भी गांजा सप्लाई में है। ऐसे में सरकार को उनकी जांच करना चाहिए और जो लोग संतो के द्वारा गांजा लेने का दावा कर रहे है ऐसे लोगो को पागलखाने भेज देना चाहिए।
गौरतब है, कि गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने गांजा को कानूनी वैधता देने की मांग किया था। इसके लिए अफजाल अंसारी ने तर्क देते हुए कहा था, कि गांजा को भगवान का प्रसाद कहा जाता है, ऐसे में उसे गैरकानूनी क्यों माना जा रहा है? अफजाल अंसारी ने कहा था कि अगर कुंभ में एक मालगाड़ी गांजा चला जाए तो वह भी खप जाएगा। साधु-संत, महात्मा और समाज के बहुत लोग गांजा बड़े शौक से पीते हैं। इसलिए गांजा को कानून का दर्जा दे देना चाहिए।