BJP पर जमकर बरसे अखिलेश, बोले- ‘भाजपा शासन से जनता त्रस्त, 2024 में देगी जवाब’

सपा प्रमुख ने कहा कि नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के अध्यक्षों के चुनाव में भाजपा द्वारा सत्ता का दुरुपयोग करने के बाद भी वह अधिकांश क्षेत्रों में पराजित हुई. नगर निगम के चुनाव में जमकर धांधली की गई. भाजपा सरकारी संसाधनों से चुनाव को प्रभावित करती है.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को सोनभद्र और मिर्जापुर के कार्यकर्ताओं की बैठक को सम्बोधित किया. इस दौरान उन्होंने भाजपा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार भाजपा सरकार की पहचान है.गरीबों, पिछड़ों और दलितों के साथ अन्याय हो रहा है. भाजपा का सबसे बड़ा हथियार झूठ का सहारा है. संविधान और लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है. इसलिए लोकसभा के चुनाव में भाजपा को हराना बहुत जरूरी हो गया है.

अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं से 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने, मतदाता सूची पर निगरानी रखने और व्यापक जनसम्पर्क करने की अपील की. सपा प्रमुख ने कहा कि नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत के अध्यक्षों के चुनाव में भाजपा द्वारा सत्ता का दुरुपयोग करने के बाद भी वह अधिकांश क्षेत्रों में पराजित हुई. नगर निगम के चुनाव में जमकर धांधली की गई. भाजपा सरकारी संसाधनों से चुनाव को प्रभावित करती है.

अखिलेश ने आगे कहा कि भाजपा सरकार जनता के हित में कोई काम नहीं कर रही है. निष्क्रियता और अकर्मण्यता उसका स्वभाव है. आदिवासी बहुल क्षेत्र में कोल, बिंद, गोंड, सियार, निषाद, खरवार जातियां है उनके उन्नयन व विकास के लिए कुछ नहीं हो रहा है. जमीन के पट्टे के आवंटन में धांधली की शिकायतें हैं. जो काम समाजवादी सरकार में हो रहे थे उन्हें भी बर्बाद कर दिया गया है या रोक दिया गया है. भाजपा सरकार आदिवासियों के साथ छलावा कर रही है.

अखिलेश यादव अपने बयान में आगे कहा कि विकासोन्मुखी नीतियां समाजवादी पार्टी ही लागू करती है. समाज के प्रत्येक वर्ग का इसमें प्रतिनिधित्व है. भाजपा जहां नफरत ओर समाज को बांटने का काम करती है. वहीं समाजवादी पार्टी समाज को जोड़ने तथा सद्भावना के प्रसार पर बल देती है. भाजपा की कुनीतियों से समाज का हर वर्ग परेशान है. अब उसके सब्र का बांध टूट रहा है. 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता भाजपा को सत्ता से बेदखल करके ही मानेगी.

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