
Sambhal Violence: सम्भल दंगा मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले आधी रात में यूपी सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है. हाइकोर्ट के रिटायर्ड जज डीके अरोड़ा आयोग के अध्यक्ष होंगे. जिन्हें इस महत्वपूर्ण जांच का जिम्मा सौंपा गया है.
यूपी सरकार ने बनाया न्यायिक आयोग
संभल में हुई हिंसा से प्रदेशभर में हड़कंप मचा हुआ हैं. सरकार की तरफ से कहा गया हैं कि, आयोग दो माह में जांच करके पता लगाएगा कि यह घटना कोई सुनियोजित साजिश थी अथवा अचानक घटित हुई थी. यदि साजिश थी तो इसके पीछे किन लोगों की भूमिका थी. साथ ही, घटना के बाद पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा कानून व्यवस्था बरकरार रखने का लिए उठाए गए कदम सही थे कि नहीं. आयोग गहनता से जांच करके घटना की सही वजह भी पता लगाएगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए राज्य सरकार को अहम सुझाव भी देगा.
याचिका पर सुनवाई आज
वही भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ संभल जामा मस्जिद की याचिका पर आज सुनवाई करेगी. समिति ने अपनी याचिका में कहा कि सर्वेक्षण आयुक्त की रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रखा जाना चाहिए और वर्तमान याचिका के अंतिम समाधान तक यथास्थिति बनाए रखी जानी चाहिए.
इसमें आगे कहा गया है कि, पूजा स्थलों पर विवादों से जुड़े मामलों में सभी पक्षों की सुनवाई किए बिना और पीड़ित व्यक्तियों को सर्वेक्षण के आदेश के खिलाफ न्यायिक उपाय तलाशने के लिए पर्याप्त समय दिए बिना सर्वेक्षण का आदेश नहीं दिया जाना चाहिए और उसे क्रियान्वित नहीं किया जाना चाहिए. 19 नवंबर को सिविल जज, सीनियर डिवीजन ने कोर्ट कमिश्नर को मस्जिद का सर्वेक्षण करने और रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया था.









