शिवसेना नेता संजय राउत ने देश में ईंधन की बढ़ती कीमतों और मुद्रास्फीति को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार सेंट्रल विस्टा परियोजना के निर्माण और मुफ्त कोविड -19 वैक्सीन ड्राइव के लिए मुद्रास्फीति का बोझ डाल रही है। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली के बयान का जिक्र करते हुए राउत ने अपने साप्ताहिक कॉलम ‘रोकटोक’ में कहा कि केंद्र सरकार महंगाई, ईंधन और अन्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट का ‘मजाक’ बना रही है। दरअसल, ईंधन की बढ़ती कीमतों के एक सवाल पर पिछले हफ्ते रामेश्वर तेली ने अपने एक बयान में कहा था कि ईंधन की कीमतें इसलिए बढ़ रही हैं क्योंकि सरकार ने मुफ्त कोविड -19 टीके उपलब्ध कराए हैं।
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के रविवार के साप्ताहिक कॉलम ‘रोकटोक’ में संजय राउत लिखते हैं कि ‘मोदी सरकार के मंत्री महंगाई का मजाक उड़ा रहे हैं। तेली ने कहा कि कोविड-19 के मुफ्त टीके मिलने की वजह से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े हैं। इसका मतलब यह हुआ कि मुफ्त वैक्सीन की खुराक का बोझ आखिरकार आम आदमी पर ही पड़ रहा है। फिर मुफ्त टीकाकरण के विज्ञापन क्यों और किसके पैसे पर किए जाते हैं? हर कोई क्रूज ड्रग्स पार्टी छापे मामले में फंसा हुआ है और 100 का आंकड़ा पार करने वाले पेट्रोल पर हर कोई चुप है।’
सामना मुखपत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने मुफ्त टीके उपलब्ध कराने के लिए 67,113 करोड़ रुपये खर्च किए थे, लेकिन मोदी सरकार ने ईंधन पर टैक्स के माध्यम से 25 लाख करोड़ रुपये कमा लिए हैं। शिवसेना के राज्यसभा सांसद ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर भी केंद्र पर हमला किया उन्होंने लिखा कि 20 लाख करोड़ रुपये की लागत से सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का निर्माण केवल एक जिद है जिससे लोगों की बजट पर भारी बोझ पड़ रहा है। उन्होंने सवाल किया कि अगर आम नागरिकों पर महंगाई का बोझ डालकर नई संसद, नए कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास और अन्य नई चीजें बना रहे हैं, तो वे किस काम के हैं? आपको बता दें कि सामना में छपे राउत के इस लेख पर महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तरफ से अब तक कोई जवाब या प्रतिक्रिया नहीं मिली है।