
Sawan Ka Pehla Somwar: सावन का महीना आते ही भक्तों के मन में एक नई श्रद्धा और ऊर्जा का संचार होने लगता है। हर तरफ हरियाली, बारिश की फुहारें और “हर हर महादेव” की गूंज… यही तो पहचान है इस पावन महीने की। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन भगवान शिव को समर्पित होता है और इस पूरे माह में विशेष रूप से सोमवार का दिन शिव भक्तों के लिए बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त सावन के सोमवार को व्रत रखकर शिवजी की पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
कब से शुरू हो रहा है सावन 2025?
सावन 2025 की शुरुआत इस बार 11 जुलाई से हो रही है, और इसका समापन 9 अगस्त को होगा। इस दौरान कुल चार सावन सोमवार पड़ेंगे, जिनमें सबसे पहला सोमवार 14 जुलाई 2025 को आएगा। यही दिन भक्तों के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसी से पूजा-व्रत का सिलसिला शुरू होता है।
सोमवार का शिव पूजन मुहूर्त
भक्त इस दिन ब्रह्म मुहूर्त से लेकर दिनभर भगवान शिव की पूजा करते हैं। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:11 से 04:52 बजे तक रहेगा, वहीं अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:59 से दोपहर 12:55 तक और विजय मुहूर्त दोपहर 02:45 से 03:40 बजे तक रहेगा। लेकिन सबसे शुभ समय होता है सूर्योदय के बाद जलाभिषेक करने का, जो इस बार सुबह 5:33 बजे से दोपहर तक रहेगा। इस समय शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और भस्म अर्पण करना अति फलदायी माना जाता है।
सावन सोमवार 2025 की तिथियां
सावन सोमवार की तिथियां इस प्रकार हैं…..
14 जुलाई पहला सोमवार,
21 जुलाई दूसरा,
28 जुलाई तीसरा, और
4 अगस्त 2025 को अंतिम चौथा सोमवार।
सावन में शिव पूजा का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सावन का महीना भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है। मान्यता है कि इसी मास में माता पार्वती की तपस्या सफल हुई थी और भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। यही कारण है कि सावन न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि विवाह योग्य कन्याओं के लिए भी अत्यंत शुभ माना जाता है। साथ ही, विवाहित महिलाएं सुखद वैवाहिक जीवन और संतान सुख के लिए व्रत करती हैं।
अगर आप भी शिवभक्त हैं या इस बार व्रत का संकल्प ले रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए है। सावन का पहला सोमवार न केवल अध्यात्मिक उन्नति का अवसर है, बल्कि आत्मशुद्धि और आस्था को मजबूत करने का भी विशेष समय है।








