कोलकाता रेप मर्डर केस : 7 दिनों के लिए धारा 163 लागू, आखिर क्यों लिया गया ये फैसला

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना से पूरी मेडिकल बिरादरी और पूरा राष्ट्र सदमे में है.

Kolkata Rape-Murder: कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार और हत्या की घटना के बाद देशभर में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है। वहीं, दूसरी तरफ इस मामले को लेकर राजनीतिक घमासान छाया हुआ है. साथ ही हॉस्पिटल पर हुए हमले और इलाके में बढ़ती भीड़ को लेकर पुलिस ने एक बड़ा एक्शन लिया है. कोलकाता पुलिस ने अस्पताल के डॉक्टरों और मरीजों की सुरक्षा के मद्देनजर उस इलाके में बीएनएस की धारा 163 लागू कर दी है. ये धारा फिलहाल सात दिनों के लिए लागू की गई है. इस एक्शन का एक बड़ा मकसद वहां पर अवैध रूप से जमा हो रही भीड़ को रोकना है. आपको बताते चलें कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के अंतर्गत बीएनएसएस की धारा 163 पहले सीआरपीसी की धारा 144 कहलाती थी.

अस्‍पतालों को घोषित किया जाए सेफ जोन

IMA की तरफ से दो दिन पहले ही राष्ट्रव्यापी हड़ताल की गई थी. जिसमें अस्पताल और डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सरकार से मांग की गई थी. इस दौरान अस्पतालों को सेफ जोन घोषित करने की भी मांग उठाई गई थी. IMA की तरफ से इस मामले को लेकर एक लेटर भी लिखा गया था.

IMA की तरफ से जारी हुआ था लेटर

इस लेटर में लिखा गया था कि ‘9 अगस्त को हुई आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना से पूरी मेडिकल बिरादरी और पूरा राष्ट्र सदमे में है. साथ ही 15 अगस्त को हॉस्पिटल के भीतर भीड़ की तरफ से तोड़फोड़ की गई, इस हमले के दौरान हॉस्पिटल के कई एरिया में तोड़फोड़ की गई. ऐसे हमलों के दौरान डॉक्टरों, खासकर महिला डॉक्टरों के साथ हिंसा की घटनाएं होती है. हॉस्पिटल के भीतर डॉक्टरों की सुरक्षित प्रदान करने का कार्य अधिकारियों का है. आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में हुए हमले ने डॉक्टरों पर होने वाली हिंसा को सबके सामने लाकर खड़ा कर दिया है.’

Related Articles

Back to top button