चयनित होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों ने सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप, कहा- सरकार केस लड़ने के लिए जूनियर अधिवक्ता भेज रही!

चयनित होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों ने दी सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी दी हैं. अभ्यर्थी 4 साल से नियुक्ति न मिलने को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. चयनित फार्मासिस्टअभ्यर्थियों का आरोप है कि 20 मार्च को इस मामले में लखनऊ बेंच में सुनवाई होगी, लेकिन शासन की तरफ से केस लड़ने के लिए जूनियर अधिवक्ता ही भेजे जा रहे हैं.

लखनऊ– चयनित होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों ने सरकार को सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी दी हैं. अभ्यर्थी 4 साल से नियुक्ति न मिलने को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. चयनित फार्मासिस्टअभ्यर्थियों का आरोप है कि 20 मार्च को इस मामले में लखनऊ बेंच में सुनवाई होगी, लेकिन शासन की तरफ से केस लड़ने के लिए जूनियर अधिवक्ता ही भेजे जा रहे हैं.

चयनित होम्योपैथिक फार्मासिस्टअभ्यर्थियों का कहना है कि जूनियर अधिवक्ता सही कोर्ट के समक्ष तरीके से अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में ये मामला टॉप टेन केसेस में लगाया गया है.

बता दें कि, होम्योपैथिक विभाग में फार्मासिस्ट भर्ती के लिए 2019 में विज्ञापन निकला गया था. जिसके बाद हुई परीक्षा में करीब 414 होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों चयनित हुए थे. 4 साल बाद भी नियुक्ति न मिलने से अभ्यर्थियों के सब्र का बांध टूट गया है.

चयनित होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है. अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर सरकार मांग नहीं मानती तो वो सभी सामूहिक आत्मदाह कर लेंगे. ये सभी अभ्यर्थी इको गार्डन लखनऊ में धरने पर बैठे हैं.

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