IIT में सलेक्शन..नहीं हो पाया फीस का बंदोबस्त, आखिरी वक्त में CJI बने देवदूत…

IIT में सलेक्शन होने का सपना हर साल हजारों,लाखों छात्र देखते हैं, लेकिन एडमिशन मिलने का सौभाग्य बहुत कम को ही मिल पाता है. ऐसे में अगर किसी...

IIT में सलेक्शन होने का सपना हर साल हजारों,लाखों छात्र देखते हैं, लेकिन एडमिशन मिलने का सौभाग्य बहुत कम को ही मिल पाता है. ऐसे में अगर किसी छात्र का एडमिशन हो जाए लेकिन वह फॉर्म भरने के लिए फीस ही इकट्ठा न कर पाए तो उसका क्या होगा? जी हां मजबूरी हैं कुछ भी हो सकता हैं.. मजबूरी ऐसी चीज है जो इंसान को सबसे ज्यादा जरूरत के वक्त तड़पाती है. ऐसा ही कुछ हुआ यूपी के मुजफ्फरनगर के रहने वाले अतुल कुमार के साथ. हालांकि अतुल ने हिम्मत नहीं हारी और लगातार लड़ाई लड़कर आखिरकार बहुत बड़ी जंग जीत ली है.

IIT दाखिला में 17500 रुपये फीस बनी बाधा

दरअसल मुजफ्फरनगर के खतौली थाना क्षेत्र के टिटोड़ा गांव के रहने वाले अतुल कुमार बेहद गरीब परिवार से आते हैं. उन्होंने दिन रात मेहनत करने के बाद IIT क्वालीफाई किया. उन्हें IIT की 17500 रुपये फीस भरनी थी. इतनी बड़ी उपलब्धि उनके परिवार के सामने एक दुविधा की तरह आई. दुविधा इसलिए क्योंकि एक तरफ तो बच्चे के एडमिशन की खुशी पूरे परिवार में छाई थी तो वही दूसरी गरीबी का जंजाल उन्हें फीस इकट्ठा भी नहीं करने दे रहा था. जैसे-तैसे उनके परिवार ने लास्ट डेट से पहले पैसे इकट्ठे कर लिए लेकिन वेबसाइट ही बंद हो गई. इसके बाद IIT ने उनके लिए रास्ते बंद कर दिया.

साहस और सूझबूझ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में दाखिला

अतुल कुमार पढ़ने में तो होशियार हैं ही साथ ही वह बेहद साहसी भी हैं. इस होनहार छात्र ने आखिरी वक्त तक हार नहीं मानी और कोर्ट का दरवाजा खटखटकाया. अतुल पहले झारखंड हाई कोर्ट गए, इसके बाद मद्रास हाई कोर्ट गए और बाद में सुप्रीम कोर्ट तक मामला गया. दरअसल अतुल को आईआईटी धनबाद में इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की सीट अलॉट हुई थी. वही फीस भरने की आखिरी तारीख 24 जून थी. उनके माता-पिता आखिर दिन तक पैसे इकट्ठे नहीं कर पाए. लास्ट डेट के दिन शाम करीब 4.45 बजे उनके घरवालों ने पैसों का इंतजाम कर लिया. पैसों का इंतजाम करने के बाद जैसे ही उन्होंने फॉर्म भरने की कोशिश की वैसे ही वेबसाइट बंद हो गई.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से दाखिला

डेडलाइन तो 5 बजे की ही थी लेकिन उससे पहले ही वेबसाइट ने काम करना बंद कर दिया था. वह बार-बार बैकिंग डिटेल डाल रहे थे इसके बाद भी कुछ नहीं हो पा रहा था. सीट अलॉट होने के बाद भी फीस नहीं भर पाने की वजह से उनकी सीट कैंसिल हो गई थी. अतुल ने बताया कि वह दुखी हुए लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और हाई कोर्ट का रुख किया. इसके बाद झारखंड हाई कोर्ट का रुख किया. इसके बाद अतुल ने जंग जारी रखी और मद्रास हाई कोर्ट चले गए. जहां पर 24 सितंबर को सुनवाई हुई. अतुल ने बताया कि वहां जस्टिस ने उनसे कहा था कि उनकी पूरी मदद की जाएगी. आखिर में यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान आदेश दिया है कि अतुल को धनबाद आईआईटी में अपनी सीट फिर से मिलेगी. IIT में अतुल कुमार का इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में दाखिला हो गया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश से छात्रावास की सुविधा भी मिलेगी.

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में हुआ दाखिला

वही इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में दाखिला मिलने के बाद अतुल कुमार काफी खुश नजर आए और कहां कि जो रेल पटरी से उतर गई थी वो वापस पटरी पर आ गई हैं…

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