1 जुलाई से लागू होंने जा रहे हैं कई नए कानून, अब यौन उत्पीड़न के मामलों में 7 दिनों में पूरी करनी होगी जांच

आपराधिक न्याय प्रणाली में तकनीकी का इस्तेमाल बढ़ जाएगा। नए आपराधिक कानून से 3 वर्ष में न्याय मिलेगा। तीन वर्ष के भीतर पीड़ित को न्याय मिल सकेगा।

एक जुलाई से कुछ नए कानून लागू होने जा रहे हैं। जिसको लेकर पुलिस हेडक्वार्टर में सेमिनार का आयोजन किया गया है। सेमिनार में DGP प्रशांत कुमार,ADG नवीन अरोरा भी मौजूद रहे। बता दें कि 25 दिसंबर, 2023 को नए कानून बनाए गए थे। नए कानून लागू हो जाने के बाद न्याय प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी। इसके साथ ही नए कानून के लेगू हो जाने के बाद तारीख पर तारीख के चक्कर से आज़ादी मिलेगी।

नए कानून में क्या है प्रावधान?

आपराधिक न्याय प्रणाली में तकनीकी का इस्तेमाल बढ़ जाएगा। नए आपराधिक कानून से 3 वर्ष में न्याय मिलेगा। तीन वर्ष के भीतर पीड़ित को न्याय मिल सकेगा। शिकायत दायर करने के 3 दिनों में FIR दर्ज करनी होगी। यौन उत्पीड़न के मामले में 7 दिनों में जांच पूरी करनी होगी। भगोड़े अपराधियों पर 90 दिनों के भीतर केस दर्ज  होगा। इसके साथ आपराधिक मामलों की सुनवाई 45 दिनों में पूरी होगी।

गैंगरेप में 20 साल का कारावास या आजीवन सजा का प्रावधान है। नाबालिग के गैंगरेप में आजीवन सजा,या मौत की सजा होगी। यौन संबंध के लिए झूठ बोलना भी अपराध माना जाएगा। पीड़िता का बयान महिला अधिकारी की उपस्थिति में होगा। भारत के साथ अन्य देशों में भी अपराधी की संपत्ति जब्त होगी। अगले 50 सालों में हर संभव तकनीकी बदलाव किए जाएंगे। 7 साल या उससे अधिक सजा के मामलों में फॉरेंसिक जांच होगी। 

नए कानून के लागू हो जाने के बाद पुलिस कार्रवाई की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी। अदालत में ऑडियो वीडियो पेश करने का प्रावधान होगा। पूरे देश में एक समान न्याय प्रणाली की व्यवस्था होगी। मॉब लिंचिंग के मामलों में 7 वर्ष की सजा होगी।

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