
चेन्नई: भारतीय शेयर बाजार ने गुरुवार को लगातार तीसरे सत्र में मजबूती दिखाई। ईरान और इज़राइल के बीच युद्धविराम (Ceasefire) की घोषणा के बाद मध्य पूर्व में तनाव कम हुआ, जिससे वैश्विक बाजारों में जोखिम लेने की भावना लौटी और निवेशकों का भरोसा भारतीय बाजार में दिखाई दिया।
BSE Sensex में 1,000.36 अंकों (1.21%) की तेजी आई और यह 83,755.87 के स्तर पर बंद हुआ, जो अक्टूबर 2024 के बाद का उच्चतम स्तर है।
वहीं, Nifty50 ने भी 1.21% (304.25 अंक) की उछाल के साथ 25,549 पर क्लोजिंग दी।
बैंकिंग और एनर्जी सेक्टर में जोरदार खरीदारी
- Bank Nifty इंडेक्स ने रिकॉर्ड हाई बनाया।
- HDFC बैंक के अच्छे तिमाही नतीजों और स्थिर एसेट क्वालिटी ने इस तेजी को समर्थन दिया।
- Reliance Industries का मार्केट कैप ₹20 लाख करोड़ के पार पहुंच गया, जिससे कंपनी एक बार फिर बाजार की धुरी बन गई।
कंपनी के रिफाइनिंग, टेलीकॉम और रिटेल कारोबार ने निवेशकों को आकर्षित किया।
विदेशी निवेशकों की सतर्क वापसी
- घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) की मजबूत खरीदारी जारी रही।
- विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भी सतर्क सकारात्मकता दिखाई, खासतौर पर मजबूत आर्थिक आंकड़ों और सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश की वजह से।
कमोडिटी और करेंसी आउटलुक:
- ब्रेंट क्रूड $82 प्रति बैरल पर स्थिर रहा, जिससे महंगाई की चिंता थोड़ी कम हुई।
- भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले थोड़ा मजबूत होकर ₹81.10 के करीब बंद हुआ, जो विदेशी पूंजी प्रवाह और स्थिर बाजार का संकेत है।
आगे की रणनीति: क्या बरकरार रहेगा मोमेंटम?
विश्लेषकों का मानना है कि अगर भूराजनीतिक तनाव नियंत्रित रहते हैं और कॉरपोरेट नतीजे मजबूत आते हैं, तो बाजार की यह तेजी जारी रह सकती है। हालांकि, वैश्विक महंगाई और केंद्रीय बैंकों की नीतियां अस्थिरता ला सकती हैं।









