Settling Down Phobia: क्यों यंग जनरेशन नहीं करना चाहती हैं शादी? नई पीढ़ी का डर या बदलाव का हिस्सा?

शादी न करें कई रीजन हैं…नौकरी और उसी के नाम पर मिली आजादी जो लोगों को रिश्तों के बंधन में बंधने से रोकती है

Settling Down Phobia: आज की युवा पीढ़ी शादी नहीं करना चाहती है….कभी सोचा है ऐसा क्यों? पहले के जमाने में लोगों की जल्दी शादी हो जाती थी चाहे लड़का हो या लड़की…लेकिन आज कल की पीढ़ी शादी के नाम से भागती है…पर शादी न करें कई रीजन हैं…नौकरी और उसी के नाम पर मिली आजादी जो लोगों को रिश्तों के बंधन में बंधने से रोकती है…इसके अलावा पैसे कमाने की आदात ने लोगों को शादी न करने की एक च्वाइस दे दी है…इसलिए आजकल के युवा इससे पीछा छुड़ा रहे है…..आजकल के यंग्सर्टस का मानना है कि शादी या किसी रिश्ते में बंधने से उनकी आजादी खत्म हो सकती है. पहले के समय में स्थिरता को सफलता का प्रतीक मानते थे वहीं अब “सेट्लिंग डाउन” शब्द कई लोगों के लिए डर का कारण बन चुका है यही वजह है कि ये फोबिया अब धीरे-धीरे एक ट्रेंड की तरह फैलने लगा है. बहुत से लोग सोशल मीडिया पर इस ट्रेंड के बारे में बात भी कर रहे हैं.

क्या है सेट्लिंग डाउन फोबिया?

अजकल बहुत से लोग सेट्लिंग डाउन फोबिया से जूझ रहें हें. इस शब्द का सीधा मतलब होता है कि किसी भी रिश्ते में आप सेटल नहीं होना चाहते हैं. आजकल बहुत से लोग लिव इन में रह रहे होते हैं पर जब उनका पर्टनर उनसे शादी कर के सेटल होने की बात करता है तो वो उससे दूर भागने लगते हैं. जब भी कमिटमेंट से किसी भी इंसान को डर या घबराहट होने लगे ते इसे सेट्लिंग डाउन फोबिया कहा जाता है.

आजकल के युवाओं पर करियर और फाइनेंशियल स्थिरता का बहुत ज्यादा दबाव है. हर कोई चाहता है कि पहले वो पढ़ लिख कर अपनी पहचान बनाए और पैसा कमाए. इसके बाद ही वो किसी रिश्ते या शादी जैसी जिम्मेदारी के बारे में सोचे ऐसे में जब समाज या परिवार उन पर शादी का दबाव डालता है तो बेचैनी और डर बढ़ जाता है. कई बार ये डर “सेट्लिंग डाउन फोबिया” में बदल जाता है.

अब के जेनरेशल के लोगों के बीच शादी या घर बसाना किसी मजबूरी या समाज की शर्त नहीं रहा है. अब ये एक व्यक्तिगत फैसला बन चुका है. नई जनरेशन यानी की Gen Z चाहती है कि अगर वो शादी करें तो अपने पार्टनर के साथ बराबरी के रिश्ते में करें. ऐसा रिश्ता जहां दोनों को स्पेस मिले और दोनों एक-दूसरे के सपनों और जॉब का का सम्मान करें. अआजकल की जेनशन चाहती है कि उनका रिश्ता किसी दबाव से नहीं बल्कि आपसी समझ से बने. नई जनरेशन की ये सोच भले अलग हो लेकिन ये गलत भी नहीं है. हर किसी को ये अधिकार है कि वो कब और कैसे अपनी जिंदगी में स्थिरता लाना चाहता है. आखिर में घर बसाना किसी और के साथ नहीं बल्कि खुद के साथ भी हो सकता है, क्योंकि सेट्लिंग डाउन का असली मतलब है जो आप उसे बनाते हैं, चाहे वो किसी रिश्ते में हो या अपने सपनों के साथ.

Related Articles

Back to top button