
श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी अस्थायी पेरोल आंकड़ों के अनुसार, मार्च में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के तहत औपचारिक रोजगार में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। फरवरी के 15.4 लाख की तुलना में मार्च में 5.79% की बढ़त के साथ 16.3 लाख नए कर्मचारियों ने ईएसआईसी के तहत पंजीकरण कराया।
नए प्रतिष्ठानों में भारी उछाल:
मार्च में 31,514 नए प्रतिष्ठान ईएसआईसी की सामाजिक सुरक्षा छतरी के तहत शामिल हुए, जो फरवरी के 23,526 के आंकड़े की तुलना में 33.9% की बढ़त है। इससे यह स्पष्ट होता है कि औपचारिक क्षेत्र में सामाजिक सुरक्षा की पहुंच तेजी से बढ़ रही है।
युवाओं और महिलाओं की बढ़ती भागीदारी:
मार्च में पंजीकृत कुल नए कर्मचारियों में से लगभग आधे—करीब 7.9 लाख—25 वर्ष या उससे कम आयु के थे। साथ ही 3.6 लाख महिलाओं ने भी ईएसआईसी के तहत पंजीकरण कराया। इसके अलावा, 100 ट्रांसजेंडर कर्मचारियों का भी पंजीकरण हुआ, जो समावेशिता की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।
ईएसआईसी क्या है और कैसे करता है काम?
1948 में स्थापित ईएसआईसी, 21,000 रुपये प्रतिमाह तक कमाने वाले कर्मचारियों को चिकित्सा और नकद लाभ प्रदान करता है। इसके तहत कर्मचारी अपनी मजदूरी का 0.75% और नियोक्ता 3.25% योगदान करते हैं, जिससे कुल 4% का योगदान होता है। इसके बदले में सदस्यों को निशुल्क इलाज, मातृत्व लाभ, बेरोजगारी में सहायता, और दुर्घटना या मृत्यु पर मुआवजा व पेंशन जैसी सुविधाएं मिलती हैं।









