Shravan Sahu Murder Case: CBI कोर्ट का बड़ा फैसला, आरोपियों को मिली उम्रकैद की सजा; जानें क्या था पूरा मामला…

1 फरवरी 2017 को बाइक सवार कुछ बदमाश उनके दुकान में घुसे और श्रवण साहू पर गोलीबारी करते हुए उन्हें मौत के घाट उतार दिया था। शू

यूपी की राजधानी लखनऊ के बहुचर्चित साहू हत्याकांड मामले में सीबीआई कोर्ट ने लबे इंतजार के बाद अब बड़ा फैसला सुनाया है। बीते गुरुवार यानी 23 अगस्त को कोर्ट ने श्रवण शाहू हत्याकांड मामले में 8 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मामले में कोर्ट की तरफ से हिस्ट्रीशीटर अकील अंसारी, रोहित मिश्रा, अमन सिंह, विवेक वर्मा, फैसल, सत्यम पटेल, बाबू खान और अजय पटेल को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही इन सभी आरोपियों पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

बेटे के हत्यारों को सजा दिलाना चाहते थे श्रवण शाहू

दरअसल, श्रवण के बेटे आयुष की हत्या 16 अक्टूबर 2013 को ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के कैंपवेल रोड पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अपने बेटे के हत्या में श्रवण साहू अकेले गवाह थे और हत्यारों को सजा दिलवाने के लिए वो खुद ही पैरवी कर रहे थे। इस दौरान उन्हें हत्यारों की ओर से जान से मारने की लगातार धमकियां भी मिल रही थीं। हालांकि, उन्होंने इस पूरे मामले की जानकारी पुलिस को भी दी थी, मगर पुलिस ने उन्हें सुरक्षा नहीं मुहैया कराइ थी। इसी का फायदा उठाते हुए 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले राजधानी लखनऊ में सआदतगंज कारोबारी श्रवण साहू को बदमाशों द्वारा गोलियों से भून दिया गया। इस गोलीबारी में उनकी मौत हो गई थी। वहीं, बाद में अकील अंसारी, सत्यम पटेल,अमन सिंह, विवेक वर्मा, बाबू ख़ान, फैसल, अजय पटेल और रोहित मिश्रा को उम्रकैद की सजा दी गई थी। ये फैसला सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने सुनाया था।

मामले में DM और SSP पर भी हुई थी कार्रवाई

मिली जानकारी के अनुसार श्रवण साहू ने तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी और डीएम से अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई थी, जिसके बाद 1 फरवरी 2017 को बाइक सवार कुछ बदमाश उनके दुकान में घुसे और श्रवण साहू पर गोलीबारी करते हुए उन्हें मौत के घाट उतार दिया था। शूटरों ने उस पर दनादन कई फायर दागे थें। ये पूरी वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई थी। जबकि उनके पुत्र की पहले ही हत्या कर दी गई थी। खबर है कि श्रवण साहू को सुरक्षा प्रदान किए जाने में हुई लापरवाही के चलते  सीबीआई ने तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी को भी दोषी पाया था। जिसके कारणवश मंजिल सैनी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की सिफारिश की गई थी।

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