
नई दिल्ली: चांदी की कीमतों में हाल के समय में तेजी देखने को मिली है और विशेषज्ञों का मानना है कि यह रुझान 2026 तक जारी रह सकता है। भारतीय रुपये में चांदी की कीमत ₹2.25 लाख से ₹2.50 लाख प्रति किलोग्राम तक पहुंचने का अनुमान है।
विशेषज्ञों के अनुसार, चांदी की बढ़ती कीमतों का प्रमुख कारण औद्योगिक मांग है, जो सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहन, और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में लगातार बढ़ रही है। इसके अलावा, वैश्विक हरित ऊर्जा निवेशों से भी चांदी की मांग को मजबूती मिल रही है। विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि अगर अमेरिका और यूरोप में ब्याज दरों में कटौती होती है, तो निवेशक सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख करेंगे, जिससे चांदी में निवेश बढ़ सकता है।
कुछ प्रमुख ब्रोकरेज और रिसर्च रिपोर्ट्स का अनुमान है कि 2026 के अंत तक चांदी ₹2.40 लाख प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है। हालांकि, कीमतों में तेजी के बाद बाजार में उतार-चढ़ाव भी हो सकता है।
चांदी में रिकॉर्ड तेजी, ₹2.07 लाख प्रति किलोग्राम पर पहुंची
गुरुवार को चांदी की कीमत 1,800 रुपये बढ़कर ₹2,07,600 प्रति किलोग्राम के नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई। इस वृद्धि के साथ, चांदी की कीमतें इस साल 129.4% बढ़कर ₹90,500 से ₹2,07,600 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं।
निवेशकों के लिए सलाह
विशेषज्ञ निवेशकों को सलाह दे रहे हैं कि चांदी में निवेश करते समय लंबी अवधि का नजरिया रखें और एकमुश्त निवेश के बजाय चरणबद्ध तरीके से निवेश करें।









