
‘मेक इन इंडिया’ और ‘PLI स्कीम’ ने बदली तस्वीर, FY 2024-25 में FDI में 14% की रिकॉर्ड बढ़त
नई दिल्ली: भारत ने 2014 से 2024 के बीच 500 अरब डॉलर से अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त किया है, जो कि 2004-2014 की तुलना में दोगुना है। इंडस्ट्री चेंबर ASSOCHAM के प्रेसिडेंट संजय नायर के अनुसार, अकेले 2019 से 2024 के बीच भारत में 300 अरब डॉलर का FDI आया, जो भारत की मजबूत आर्थिक सुधार नीति की पुष्टि करता है।
मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया ने बदला परिदृश्य
नायर ने बताया कि ‘Make in India’, ‘Digital India’, और PLI स्कीम जैसे सुधारों ने भारत को निवेश के लिए आकर्षक और विश्वसनीय गंतव्य बना दिया है। इससे न केवल Ease of Doing Business में सुधार हुआ, बल्कि भारत अब सस्टेनेबल ग्रोथ और क्लीन टेक्नोलॉजी का हब बनकर उभर रहा है।
FDI में सर्वाधिक हिस्सेदारी सेवा क्षेत्र की
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, FY 2024-25 में भारत में $81.04 अरब डॉलर का FDI आया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 14% की बढ़ोतरी है।
- सेवा क्षेत्र: कुल FDI का 19%
- कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर: 16%
- ट्रेडिंग: 8%
सेवा क्षेत्र में FDI 40.77% की बढ़ोतरी के साथ $9.35 अरब पर पहुंच गया।
मोबाइल निर्माण में भारत की छलांग
2014 में जहां भारत के 80% स्मार्टफोन आयात होते थे, वहीं अब Foxconn और Wistron जैसी वैश्विक कंपनियां Apple iPhone का निर्माण भारत में कर रही हैं। इससे स्मार्टफोन का निर्यात बढ़कर $21 अरब डॉलर पहुंच गया है।
ग्रीन एनर्जी और मैन्युफैक्चरिंग में निवेशकों की रुचि
भारत की नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में बढ़ती भागीदारी ने उसे वैश्विक क्लीनटेक वैल्यू चेन का अहम केंद्र बना दिया है। FY 2024-25 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में FDI 18% की बढ़त के साथ $19.04 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
राज्यों में महाराष्ट्र सबसे आगे
- महाराष्ट्र: 39%
- कर्नाटक: 13%
- दिल्ली: 12%
वहीं स्रोत देशों में सिंगापुर (30%), मॉरीशस (17%), और संयुक्त राज्य अमेरिका (11%) शीर्ष पर रहे।









