वाराणसी में प्रतिबंधित कप सिरफ मामले की जांच के लिए SIT हुई गठित, भारत के साथ बांग्लादेश में फैला है सम्राज्य !

प्रतिबंधित कप सिरफ के खिलाफ हुई इस कार्रवाई के दौरान दवा के कई बड़े कारोबारी अपने कारोबार को बंद कर फरार है।

वाराणसी- उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रतिबंधित कप सिरफ मामले की जांच के लिए सोमवार की रात वाराणसी कमिश्नरेट ने SIT टीम गठित कर दिया है। तीन सदस्यीय टीम अब प्रतिबंधित कप सिरफ मामले की जांच गहनता से कर अपनी रिपोर्ट बनाएगी। भारत समाचार ने प्रतिबंधित कप सिरफ की खबर को प्रमुखता से उठाया और कैसे प्रतिबंधित कप सिरफ के सरगना शुभम जायसवाल ने वाराणसी में बैठ भारत के कई राज्यों के साथ बांग्लादेश तक प्रतिबंधित कप सिरफ से नशे का बड़ा सम्राज्य तैयार किया इसे दिखाया। भारत समाचार पर प्रमुखता से खबर दिखाए जाने के बाद वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस भी अब इस मामले की गहनता से जांच में जुट गई है। वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ने काशी जोन के एडीसीपी सरवण टी. की अध्यक्षता में दो सदस्यीय SIT टीम का गठन किया है। जिसमें कोतवाली सहायक पुलिस आयुक्त अतुल अंजान और कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक शामिल है।

वाराणसी के 26 दवा फर्मों से होती थी नशे के लिए प्रयुक्त होने वाली प्रतिबंधित कप सिरफ…

वाराणसी में हाल ही में वाराणसी ड्रग विभाग ने रांची और गाजियाबाद में प्रतिबंधित कफ सिरफ मामले में दर्ज मुकदमे के बाद कार्रवाई करते हुए जांच किया। जिसमें पाया कि वाराणसी में प्रतिबंधित कप सिरफ की बिक्री में करीब 102 फर्मों के शामिल होने का क्लू मिला। प्राथमिक जांच 26 फर्म के 28 कारोबारियों के खिलाफ प्रतिबंधित कोडीन युक्त कप सिरफ की बिक्री किए जाने के आरोप में कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। कोडीन युक्त कप सिरफ को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से वर्ष 2024 में प्रतिबंध कर दिया गया था। सूत्रों के अनुसार प्रतिबंध के बाद भी वाराणसी के फर्मों के नाम से इस दावा की खरीद बिक्री किया जा रहा था। 26 फर्मों के ऊपर हुई कार्रवाई के बाद वाराणसी के दवा कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है, वही बाकी 76 फर्मों के खिलाफ भी अब विभाग कार्रवाई करने में जुटी हुई है। प्रतिबंधित कप सिरफ के खिलाफ हुई इस कार्रवाई के दौरान दवा के कई बड़े कारोबारी अपने कारोबार को बंद कर फरार है। जिसमें प्रतिबंधित कप सिरफ का कारोबारी एवं सरगना शुभम जायसवाल भी शामिल है। शुभम के सिंडिकेट में उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, झाड़खंड, बिहार, बंगाल सहित कई राज्यों के दवा व्यापारी शामिल है।

झारखंड और बंगाल के रास्ते बांग्लादेश में नशे के लिए भेजा जाता था प्रतिबंधित कप सिरफ

सूत्रों की माने तो प्रतिबंधित कप सिरफ को वाराणसी का सरगना शुभम जायसवाल झारखंड और बंगाल के रास्ते बांग्लादेश में सप्लाई करता था। जानकारों के अनुसार इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग शराब की जगह सस्ते मिलने वाले कप सिरफ को नशे के लिए प्रयोग में लाते। ऐसे में भारी मात्रा में अवैध रूप से देश में प्रतिबंधित कप सिरफ को बंगाल और झारखंड के रास्ते बांग्लादेश में सप्लाई भी किया जाता। इंटरनेशनल मार्केट होने से इसकी बिक्री में भी काफी मुनाफा दवा फर्मों को होता। इसकी खरीद के लिए फर्म के नाम से बिलिंग होती और कप सिरफ को फर्म की जगह विभिन्न राज्यों में भेज दिया जाता। इसके एवज में दवा फर्मों को मुनाफा बिना किसी बिक्री किए मिल जाता।

35 रुपए कि प्रतिबंधित नशे वाला कप सिरफ, 150 रुपए से अधिक में होती थी बिक्री…

दवा व्यापार से जुड़े व्यापारियों के अनुसार प्रतिबंधित कप सिरफ की दवा फर्मों को 30 से 35 रुपए में मिलती है, लेकिन कप सिरफ की एक शीशी पर 190 रुपए का मूल्य अंकित रहता है। ऐसे में प्रतिबंध के बाद मोटा मुनाफा कमाने के लिए कई दवा व्यापारी इसकी खरीद बिक्री में जुट गए। कप सिरफ का प्रयोग नशे के लिए होने पर इसकी डिमांड भी भारी मात्रा में होती। यही वजह है कि लोकल मार्केट के साथ अंतरराष्ट्रीय मार्केट में भी इसकी डिमांड ज्यादा होने से इसकी सप्लाई सिंडिकेट बनाकर किया जाने लगा। इस सिंडिकेट को वाराणसी का शुभम जायसवाल चलता था। मिली जानकारी के अनुसार अब तक शुभम इस अवैध कारोबार से 100 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का मुनाफा कमा चुका है। ऐसे में अब जब प्रतिबंधित कप सिरफ के खिलाफ कार्रवाई तेज हुई है, तो सिंडिकेट का सरगना शहर से फरार हो गया है। जिसकी तलाश वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस टीम कर रही है।

रिपोर्ट : नीरज कुमार जायसवाल

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