पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद शहर में हुए दंगों को लेकर एसआईटी ने पुनः विवेचना वाले 11 मामलों में अब तक 67 आरोपित चिन्हित किये गए है। एसआईटी ने शासन को इन नामों की सूची दे दी है। आदेश मिलते ही आरोपियों की गिरफ्तारी होगी। हालांकि अफसरों का मानना है कि चिन्हित आरोपियों में से सिर्फ 45 ही गिरफ्तारी के लायक हैं। जिनमें कुछ नामचीन लोग और जनप्रतिनिधि भी है।
कानपुर में हुए दंगों में 127 सिखों की हत्या हुई थी उस दौरान कानपुर नगर में हत्या लूट और हत्या की धाराओं में 40 मुकदमे दर्ज हुए थे पुलिस ने इनमें से 29 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी 27 मई 2019 को इस मामले में प्रदेश सरकार ने एसआईटी की टीम गठित की थी एसआईटी ने विभिन्न राज्यों में रह रहे पीड़ित परिवारों के लोगों से मिलकर बयान दर्ज की ओर अभिलेख तलाशे है।
एसआईटी एसपी बालेंदु भूषण ने बताया कि फाइनल रिपोर्ट लगे 20 मुकदमो को अग्रिम विवेचना के लायक माना गया है और जांच शुरू की गई है। जिसमे से 11 की विवेचना नए मामले में 146 दंगाई चिन्हित किये गए है। लेकिन इनमें से 79 की पूर्व में ही मृत्यु हो चुकी है। ऐसे में जीवित बचे दंगाइयों की संख्या 67 रह गई है इसमें से भी 20- 22 आरोपित ऐसे है जिनकी आयु 75 वर्ष से ज्यादा है या गंभीर बीमारियों से जूझ रहे है वही गिरफ्तारी के सवाल पर उनका कहना है की शासन को रिपोर्ट दी है। अनुमति मिलने के बाद गिरफ्तारी की जाएगी।
वही बात अगर की जाए सन् 1984 के दंगों में पीड़ित परिवार की तो उनका कहना है कि वो मंजर बहुत ज्यादा खतरनाक था। पीड़ित परिवारों को सरकार द्वारा मदद दी गई थी मगर मगर कुछ लोग ऐसे भी है जो जिनको अभी तक न्याय नही मिल पाया है इस सरकार ने एसआईटी बनाकर जांच की है उम्मीद यही है कि जल्द जल्द से जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।