देश के शहीद जवानों के याद में काशी में जलाए गए आकाश दीप, शरद पूर्णिमा पर निभाई गई परंपरा

धर्म की नगरी काशी में शरद पूर्णिमा के मौके पर देश के शहीदों के नाम पर आकाश दीप जलाए गए। मां गंगा के तट पर होने वाले विश्व प्रसिद्ध मां गंगा आरती से पहले परंपरा के अनुसार आकाश दीप प्रज्जवलित किए गए। रविवार को दशाश्वमेध घाट पर 39 जीटीसी और एनडीआरएफ के जवानों की मौजूदगी में सेना का बैंड पर आकाश दीप प्रज्वलित किए गए।

रिपोर्ट : नीरज कुमार जायसवाल, वाराणसी

वाराणसी। धर्म की नगरी काशी में शरद पूर्णिमा के मौके पर देश के शहीदों के नाम पर आकाश दीप जलाए गए। मां गंगा के तट पर होने वाले विश्व प्रसिद्ध मां गंगा आरती से पहले परंपरा के अनुसार आकाश दीप प्रज्जवलित किए गए। रविवार को दशाश्वमेध घाट पर 39 जीटीसी और एनडीआरएफ के जवानों की मौजूदगी में सेना का बैंड पर आकाश दीप प्रज्वलित किए गए।

तीन दशकों से गंगा सेवा निधि जलाता है शहीदों की याद में आकाश दीप, महाभारत से शुरू हुई थी परंपरा

पौराणिक मान्यता है कि कार्तिक मास के समान कोई मास नहीं, सतयुग के समान कोई युग नही, वेदों के समान कोई शास्त्र नहीं और गंगा के समान दूसरा कोई तीर्थ नहीं हैं। मां भागीरथी ( गंगा) के घाट पर कार्तिक माह में जलता यह आकाश दीप इस बात का परिचायक है, कि देश के वीर शहीदों के प्रति हमारे मन में श्रद्धा की रौशनी कितनी उज्वल है। काशी में सदियों-सदियों से गंगा घाटों पर अपने पूर्वजों की स्मृति में, उनके स्वर्गलोक की यात्रा के मार्ग को आलोकित करने के लिए आकाश-दीप जलाने की परम्परा रही है। आकाश-दीप से जुड़े कथानकों में ऐसी मान्यता है कि महाभारत युद्ध में प्राण विसर्जित करने वाले वीरों की स्मृतिमें भीष्म ने कार्तिक मास में दीप मालिकाओं से उन्हें संन्तर्पण दिया था। इसी परंपरा को गंगा सेवा निधि के द्वारा देश के वीर शहीद जवानों की याद में पिछले तीन दशकों से निर्वाहीत करते हुए आ रही है।

शहीदों को दिया जाएगा भागीरथ शौर्य सम्मान, परिजनों को दिया जाएगा 51 हजार की सहायता राशि

शरद पूर्णिमा पर जलाए गए आकाश दीप कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर देव दीपावली तक जलाए जाएंगे। कार्तिक पूर्णिमा के दिन देश के अमर शहीद जवानों को “भागीरथ शौर्य सम्मान” से सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही गंगा सेवा निधि संस्था के द्वारा शहीद परिजनों को 51 – 51 हजार रुपए सहायता राशि दिया जाएगा।

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