तो इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी पर लगाया जाता है 56 भोग ? जानें क्या है महत्व

आज सारे देश कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है। जिसके चलते देशभर में एक अलग ही चहलकदमी देखने को मिलती है।

आज सारे देश कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है। जिसके चलते देशभर में एक अलग ही चहलकदमी देखने को मिलती है। आज मथुरा, वृंदावन में भगवान कृष्ण की लीलाओं के जयकारे लगेंगे, आज ही के दिन भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना भी की जाएगी। बता दें कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों को सजाया जाता है, जिसकी भव्यता देखते ही बनती है। आज की रात भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। भजन-कीर्तन का आयोजन करवाया जाता है। बाल-गोपाल को झूले में विराजमान करके 56 तरीके का भोग लगाया जाता है और अष्ट-प्रहर की पूजा की जाती है। जन्माष्टमी के दिन 56 भोग का महत्व आप इसी से समझिए कि भोग लगाने के लिए जो पकवान तैयार होते हैं वो बिलकुल सात्विक होते हैं। अब समझ लीजिये कि भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण को 5 तरह के यानी खट्टा, मीठा, कड़वा, चटपटा और मसालेदार समेत 5 तरीके के स्वाद का भोजन पसंद है। इसे ही ध्यान में रखते हुए 56 तरीके के व्यंजन बनाए जाते हैं वो भी सात्विक यानी बिना लहसुन-प्याज का।

क्या-क्या होता है 56 भोग में ?

भात
दाल
चटनी
कढ़ी
दही शाक की कढ़ी
सिखरन
शरबत
बाटी
मुरब्बा
शर्करा युक्त
बटक बड़ा
मठरी
फेनी
पूरी
खजला
घेवर
मालपुआ
चोला
जलेबी
मेसू
रसगुल्ला
चन्द्रकला
दधि
स्थूली
लौंगपुरी
खुरमा
दलिया
परिखा
सौंफ युक्त
बिलसारू
लड्डू
साग
अधानौ अचार
मोठ
खीर
दही
गाय का घी
मक्खन
मलाई
रबड़ी
पापड़
सीरा
लस्सी
सुवत
मोहन
सुपारी
इलायची
फल
तांबूल
मोहन भोग
लवण
कषाय
मधुर
तिक्त
कटु
अम्ल

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