Uttar Pradesh: “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” सेंटेंस से देश की बेटियों को सम्मान दिया जाता है। लेकिन उसी सम्मान के बीच निर्भया, प्रियंका रेड्डी और मनीषा वाल्मीकि, और कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में लेडी डॉक्टर जैसी कितनी और बेटियां दुष्ट व्यवहार का शिकार हुई है, हम बड़े आत्मविश्वास से कहते हैं हमारा देश महान है लेकिन आज ऐसे कई सारे मामलों का वाकया पढ़ने के बाद हर इंसान की रूह कांप जाती है। हमारा देश ऐसे महान है ?? जिस देश की बेटी दिन के उजाले में भी सुरक्षित नहीं है, और हां हम उस देश से है जहां औरतों को देवी माना जाता है उसकी पूजा की जाती है लेकिन फिर उसी देवी के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है।
कहां से खोजेंगे नौ देवियां जब सुरक्षित नहीं हैं देश की बेटियां..
इस वक्त तो नवरात्री का महापर्व भी चल रहा हैं.. यहां हम नवमीं के दिन नौ देवियों की पूजा करने के लिए नौ कन्याओं को खोजते फिरेंगे.. आखिर कहां से खोजेंगे नौ देवियां जब सुरक्षित नहीं हैं देश की बेटियां.. ये कहते हुए बड़ा दुख होता हैं, कि भारत जैसे देश में ये माहौल हो गया हैं.. भारत को सबसे सुरक्षित देश माना जाता हैं.. आज हमारे जैसे कितनी लड़कियां घर से बाहर जाती है तो हमारे परिवार को डर लगता है कि शायद आज लेडी डॉक्टर के साथ जो हुआ है कल हमारी बेटियों के साथ भी यह ना हो जब उनकी बेटी घर से बाहर जाती है तो वह 10 बार सोचते हैं। और मुझे यह सोचकर अजीब लगता है कि जिन लोगों ने यह बेहूदा काम किया है उनके घर में मां, बहन, बेटियां नहीं होंगी या फिर वह अपनी बहनों की इज्जत भी बिल्कुल इसी तरह से करते होगे।
आखिर महिलाएं सुरक्षित कहां हैं?
यह जानकर बहुत अफसोस होता है कि भारत जैसी पाक भूमि पर इन जैसे बेहूदा नापाक लोग रहते है इन्हें जल्द से जल्द कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। हालांकि समाज में महिलाओं के साथ हिंसा के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। महिलाओं के साथ होती हैवानयित का आखिर कब अंत होगा, यह विचार अक्सर महिलाओं के मन में आता ही होगा.. जब भी कोई मामला आता हैं तो सबसे पहला सवाल यही आता हैं कि आखिर महिलाएं सुरक्षित कहां हैं? महिलाओं के साथ गलत करने वाला एक आदमी ही होता है। वह चाहे आपका दोस्त हो, भाई हो, पिता हो, चाचा हो, सीनियर हो, पति हो या आपका प्रेमी हो…. ऐसे में हम महिलाएं आखिर किस पर विश्वास करें कहां जाएं ये एक बड़ा सवाल हैं…
पढ़ें महिलाओं और बच्चियों के साथ हैवानियत के ताजा मामले…
अमरोहा-रहरा थाना क्षेत्र के पथरा गांव में खौफनाक वारदात सामने आई हैं। जहां कक्षा 8वीं की छात्रा पर एसिड अटैक किया गया। दंरिदों ने मासूम के साथ अपनी गंदे मनसूबों को तेजाब डालकर पूरा कर लिया। बाप-बेटे ने छात्रा को घर से उठाकर तेजाब डाला। इस घटना में मासूम गंभीर रुप से झुलस गई। गंभीर तौर पर झुलसी छात्रा का मेरठ में इलाज चल रहा था। लेकिन LLRM मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान छात्रा की मौत हो गई। इन सब घटनाओं के सामने आने के बाद सवाल यही उठता हैं कि आखिर बेटियां कहा सुरक्षित हैं।
बदायूं- उसहैत थाना क्षेत्र में सात साल की मासूम बच्ची के साथ रेप हुआ हैं। पैसों और खाने के सामान का लालच देकर तारिक अंसारी ने अपनी दुकान में बंधक बनाकर बच्ची का यौन उत्पीड़न किया। बच्ची को पांच रुपए देकर कह दिया कि किसी को मत बताना। खून से लथपथ मासूम बच्ची जब घर पहुंची तो उसे देखकर परिजनों के होश उड़ गए।
बागपत- यहां एक युवक छह साल की मासूम बच्ची को बहला-फुसलाकर अपने साथ सुनसान जगह पर ले गया। उसने बच्ची के कपड़े उतारकर उसके साथ गलत हरकत करने का प्रयास किया। इसी बीच, अचानक से वहां बंदरों का झुंड एक-दूसरे से लड़ते झगड़ते हुए आ धमका। बंदरों को देखकर युवक डरकर वहां से भाग गया। ये घटना जानकर तो यही लग रहा कि इंसानों से बेहतर तो जानवर ही हैं.. ऐसे में अब इंसान जानवर बन गया हैं और जानवर इंसान…
बाराबंकी- बंकी चौकी इलाके में बच्ची घर में अकेली थी, तभी 25 साल का पड़ोसी घर में घुस गया और उसका बलात्कार किया। इस घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी वहां से भाग गया। बच्ची अपनी विधवा मां के साथ रहती थी।
सरकार और प्रशासन के हाथ खाली क्यों..
ऐसे एक या दो मामले नहीं हैं, बल्कि हजारों मामले महीने भर में आते हैं। जिसे सुनकर देखकर दिल दहल जाता हैं, मन परेशान हो जाता हैं। मन में एक ही सवाल आता हैं कि अपना भारत प्यारा भारत आखिर हैवानों से कब भर गया। जहां बेटियां पूजी जोती था, वहां ऐसे मामले आ रहे, ये हैरानी की बात हैं। जानवर भी इंसानियत का परिचय दे जाते हैं, लेकिन इंसानों को आखिर क्या हो गया हैं। महिलाएं तो महिलाएं लेकिन मासूम बच्चियां भी हैवानों की शिकार बन रही हैं। ये आखिर कब तक होगा। ये एक बड़ा सवाल हैं। इस पर आखिर सरकार कोई कड़ा एक्शन क्यों नहीं लेती, सरकार और प्रशासन के हाथ खाली क्यों हैं, इस पर आखिर कब और कैसे रोक लगेगी। कब हमारी मां बहन बेटियां सुरक्षित होंगी। ये एक बड़ा सवाल हैं।