
लखनऊ- योगी 2.0 सरकार के दूसरे बजट में पशुपालक किसानों के लिए नन्द बाबा दुग्ध मिशन, बेसहारा गोवंश की समस्या सहित कई योजनाओं के लिए विशेष धनराशि आवंटित की गई है. विस्तृत जानकारी के लिए पढ़े पूरी रिपोर्ट.
दुग्ध विकास के लिए बजट में क्या है खास
भारत में उत्तर प्रदेश सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाला राज्य है. दिन प्रतिदिन बढ़ती हुई जनसंख्या एवं घटती हुई कृषि योग्य भूमि के कारण दुग्ध व्यवसाय ही एकमात्र ऐसा व्यवसाय है, जो ग्रामीण क्षेत्र के अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्बल, भूमिहीन मजदूर, बेरोजगारों हेतु अतिरिक्त आय का लाभप्रद साधन है.
वर्तमान दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण एवं पुनर्जीवित करने की योजना हेतु 86 करोड़ 95 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
नन्द बाबा दुग्ध मिशन के क्रियान्वयन हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 61 करोड़ 21 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. जनपद मेरठ व वाराणसी में डेयरी परियोजनाओं हेतु 60 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति, 2022 के अन्तर्गत प्रदेश में स्थापित होने वाले दुग्ध उद्योग की इकाईयों को वित्तीय अनुदान, रियायतें एवं अन्य सुविधाएं प्रदान किये जाने हेतु 25 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है.
बेसहारा गोवंश की समस्या निराकरण हेतु खास इंतजाम
प्रदेश के निराश्रित/ बेसहारा गोवंश की समस्या के निराकरण हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में 187 वृहद गो-संरक्षण केन्द्र का निर्माण कराया जाना लक्षित है. जिसके सापेक्ष 171 केन्द्रों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है.
बुन्देलखण्ड क्षेत्र में निराश्रित गोवंश की समस्या के निराकरण हेतु बुन्देलखण्ड के प्रत्येक जनपद में 5-5 गो-आश्रय केन्द्र स्थापित व क्रियाशील हैं.
छुट्टा गोवंश के रख-रखाव हेतु 750 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. वृहद गौ संरक्षण केन्द्रों की स्थापना हेतु 120 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं.
पशु रोग नियंत्रण हेतु 116 करोड़ 52 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. प्रदेश में भेड़ बाहुल्य जनपदों में भेड़ पालन योजना हेतु 3 करोड़ 44 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.