
कोलंबो: श्रीलंका ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान 14 भारतीय मछुआरों को रिहा किया, जो मछुआरों के मुद्दे पर “मानवीय दृष्टिकोण” की पक्षधरता के रूप में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए समर्थन का परिणाम था।
पीएम मोदी और श्रीलंकाई राष्ट्रपति के बीच चर्चा
मछुआरों के मुद्दे पर शनिवार को मोदी और श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमार डिस्सानायक ने विस्तार से चर्चा की, जिसके परिणामस्वरूप कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जो दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए थे। मोदी और डिस्सानायक ने ऐतिहासिक शहर अनुराधापुर में रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया।
मछुआरों की रिहाई और भारत-श्रीलंका सहयोग
श्रीलंकाई पक्ष के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष लगभग 140 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से अधिकांश तमिलनाडु से हैं, और उनके नौकाओं को जब्त कर लिया गया है। मोदी ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि दोनों पक्षों ने मछुआरों की आजीविका से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की और यह निर्णय लिया कि इस मामले में एक “मानवीय दृष्टिकोण” अपनाना चाहिए।
भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय सहयोग पर जोर
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि मोदी और डिस्सानायक ने मछुआरों के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की और इस पर एक मानवतावादी और रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया, क्योंकि यह दोनों देशों के मछुआरों की आजीविका पर असर डालता है।
आर्थिक संकट और अमेरिकी शुल्क का प्रभाव
भारत और श्रीलंका के नेताओं ने बैठक में अमेरिकी व्यापार शुल्कों पर भी चर्चा की, जो श्रीलंकाई निर्यात, विशेष रूप से वस्त्र उद्योग को प्रभावित कर रहे हैं। श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने इस स्थिति में दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।