
नई दिल्ली : श्रीलंका में देशव्यापी विरोध तेज हो रहा है, और इस बीच श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया, यह एक ऐसा कदम जिससे संकटग्रस्त देश में एक नए मंत्रिमंडल के सामने ढेर सारी चुनौतियां होंगी.
श्रीलंका के डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे ने शुक्रवार को एक विशेष बैठक में प्रधानमंत्री से देश में चल रहे राजनीतिक संकट के समाधान के रूप में पद छोड़ने का अनुरोध किया था. इसके कुछ दिनों बाद राजपक्षे ने यह कदम उठाया है.
While emotions are running high in #lka, I urge our general public to exercise restraint & remember that violence only begets violence. The economic crisis we're in needs an economic solution which this administration is committed to resolving.
— Mahinda Rajapaksa (@PresRajapaksa) May 9, 2022
अब जब प्रधान मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है, राष्ट्रपति राजपक्षे से संसद में सभी राजनीतिक दलों को एक सर्वदलीय मंत्रिमंडल बनाने के लिए आमंत्रित करने की उम्मीद है. इससे पहले, विपक्षी दल समागी जन बालवेगया (एसजेबी) ने पुष्टि की थी कि उसके नेता साजिथ प्रेमदासा अंतरिम सरकार में पीएम का पद स्वीकार नहीं करेंगे.
सोमवार की सुबह प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास टेंपल ट्रीज के सामने प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे से इस्तीफा नहीं देने की अपील की। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद, वे टेंपल ट्री के पास सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों से भिड़ गए। जिसमे कम से कम 16 लोग घायल हुए जिनको कोलंबो राष्ट्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इस्तीफा देने के तुरंत बाद राजपक्षे ने एक ट्वीट किया जिसमें आम जनता से संयम बरतने का आग्रह किया गया था। महिंदा ने ट्वीट में कहा, “जब भावनाएं #lka में बहुत अधिक चल रही हैं, मैं अपनी आम जनता से संयम बरतने और यह याद रखने का आग्रह करता हूं कि हिंसा केवल हिंसा को जन्म देती है। जिस आर्थिक संकट में हमें एक आर्थिक समाधान की आवश्यकता है, जिसे हल करने के लिए यह प्रशासन प्रतिबद्ध है.”
महिंदा के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए, श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर कुमार संगकारा ने कहा, “केवल आपके ‘समर्थकों’ – गुंडों और ठगों द्वारा हिंसा की गई थी, जो शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमला करने से पहले आपके कार्यालय में आए थे.”
श्रीलंका विदेशी मुद्रा की कमी से उपजे आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में त्रहिमाम मचा हुआ है, जिसके कारण ईंधन, भोजन और दवाओं जैसी आवश्यक आपूर्ति में कमी आई है।सरकार और सांसदों से तत्काल समाधान खोजने का आह्वान करते हुए कई दिनों से विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं.