
उत्तर- प्रदेश: राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने मंगलवार को सर्किट हाउस में जनसुनवाई के दौरान एक अहम बयान दिया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को बाहर की बजाय घर में ही बुर्का पहनने की जरूरत है। उनके मुताबिक, मुस्लिम महिलाएं हर जगह बुर्का पहनकर जाती हैं, यहां तक कि अस्पतालों में भी वे बुर्का पहनकर इलाज कराती हैं। इससे न केवल उनका चेहरा छिपता है, बल्कि उन्हें सरकारी योजनाओं और न्याय का लाभ भी नहीं मिल पाता। बबीता चौहान ने कहा, “घर में महिलाएं ज्यादा असुरक्षित होती हैं, इसीलिए घर में ही बुर्का पहनने की जरूरत है।”
एसआईआर और घुसपैठियों के मुद्दे पर बबीता चौहान की टिप्पणी
जनसुनवाई के दौरान बबीता चौहान ने एसआईआर और घुसपैठियों के मुद्दे पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है और वहां के लोगों ने भारत के आधे हिस्से पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व सरकारों के समय इन मुद्दों पर दबाव बनाया जाता था, लेकिन यह सरकार दबाव में नहीं आएगी और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जनसुनवाई के दौरान आईं शिकायतें
बबीता चौहान ने जनसुनवाई में 42 शिकायतों पर सुनवाई की और अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए। इनमें से अधिकतर शिकायतें घरेलू हिंसा, उत्पीड़न और बच्चियों के लापता होने से संबंधित थीं।
समाधान की प्रक्रिया में त्वरित कार्रवाई
बबीता चौहान ने इस दौरान 42 शिकायतों का निपटारा किया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल्द से जल्द इन मुद्दों का समाधान किया जाए। उन्होंने बताया कि घरेलू हिंसा और उत्पीड़न की शिकायतें ज्यादा आईं, जिससे यह साफ है कि महिलाओं के खिलाफ कई समस्याएं अभी भी मौजूद हैं।









