उत्तर प्रदेश में छात्रों की गैरहाज़िरी पर कड़ी कार्रवाई: 30 दिन से अधिक अनुपस्थिति पर ड्रॉपआउट माना जाएगा

छह माह में 15 दिन से अधिक अनुपस्थित रहता है, तो उसके अभिभावकों को काउंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा। इसका मकसद बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना है।

सरकार ने लिया बड़ा फैसला

उत्तर प्रदेश सरकार ने स्कूलों में छात्रों की गैरहाज़िरी और ड्रॉपआउट की समस्या से निपटने के लिए सख्त नियम लागू किए हैं। अब 30 दिनों से अधिक लगातार स्कूल न आने वाले छात्रों को ड्रॉपआउट माना जाएगा।

गैरहाज़िरी की सीमा और काउंसलिंग

अगर कोई छात्र एक माह में 6 दिन, तिमाही में 10 दिन या छह माह में 15 दिन से अधिक अनुपस्थित रहता है, तो उसके अभिभावकों को काउंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा। इसका मकसद बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना है।

शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में कदम

यह पहल बच्चों की शिक्षा में निरंतरता बनाए रखने और ड्रॉपआउट दर को कम करने के उद्देश्य से की गई है। सरकार ने स्कूलों को छात्रों की उपस्थिति पर सख्त नजर रखने और नियमित रिपोर्टिंग करने की जिम्मेदारी दी है।

सख्त निगरानी और जवाबदेही

लगातार अनुपस्थित रहने वाले छात्रों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। स्कूल प्रशासन को भी छात्रों की गैरहाज़िरी की रिपोर्ट समय-समय पर संबंधित अधिकारियों को देना अनिवार्य होगा ताकि समय रहते उचित कदम उठाए जा सकें।

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