
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वन ट्रिलियन इकॉनमी मिशन को गन्ना विकास विभाग से मजबूती मिलेगी। विभाग ने वर्ष 2025-26 के लिए 1,41,846 करोड़ रुपए के ग्रॉस वैल्यू आउटपुट (जीवीओ) का लक्ष्य रखा है। वर्ष 2023-24 में यह योगदान 1,09,461 करोड़ रुपए था, जिसे बढ़ाकर 1.41 लाख करोड़ किया जाएगा। विभाग का उद्देश्य चीनी मिल संघ की रिकवरी दर 9.56% से बढ़ाकर 10.50% करना, 91.54 लाख कुंतल चीनी की समयबद्ध बिक्री सुनिश्चित करना और भंडारण क्षमता 4 लाख कुंतल तक बढ़ाना है। सरकार से मिलने वाली सहायता राशि पर निर्भरता कम करने के लिए तकनीकी सुधार होंगे। साथ ही, मई 2025 तक आउटसोर्सिंग से कुशल श्रमिकों की भर्ती की जाएगी।
2025-26 के लिए तय किया गया 1,41,846 करोड़ रुपए का जीवीओ लक्ष्य
उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लक्ष्य को पूरा करने में गन्ना विकास विभाग बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। विभाग ने अपनी कार्ययोजना के तहत वर्ष 2025-26 में 1,41,846 करोड़ रुपए के ग्रॉस वैल्यू आउटपुट (जीवीओ) का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस कार्ययोजना के जरिए गन्ना कृषि और इससे जुड़े उद्योगों को बढ़ावा देकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सशक्त किया जाएगा।
2023-24 के मुकाबले 2025-26 में बढ़ेगा योगदान
गन्ना विकास विभाग ने अपनी कार्ययोजना में यह स्पष्ट किया है कि वर्ष 2023-24 में विभाग ने 1,09,461 करोड़ रुपए का जीवीओ योगदान दिया था, जिसे बढ़ाकर वर्ष 2025-26 में 1,41,846 करोड़ रुपए करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें गन्ने का योगदान 1,03,038 करोड़ रुपए और गुड़ का योगदान 38,808 करोड़ रुपए रहेगा।
उत्पादन और बिक्री में बड़े सुधार का लक्ष्य
गन्ना विकास विभाग ने प्रदेश सरकार पर अपनी आश्रितता को कम करने और गन्ना किसानों के हितों को बढ़ावा देने के लिए कई प्रमुख सुधार तय किए हैं। इनमें चीनी मिल संघ का औसत रिकवरी प्रतिशत 9.56% से बढ़ाकर 10.50% तक पहुंचाना, 91.54 लाख कुंतल चीनी की समयबद्ध बिक्री सुनिश्चित करना और चीनी मिलों की भंडारण क्षमता को 4 लाख कुंतल तक बढ़ाना शामिल है।
राज्य सरकार से सहायता पर निर्भरता होगी कम
गन्ना विकास विभाग वर्तमान में अपनी योजनाओं के संचालन के लिए लगभग 1200 करोड़ रुपए की सहायता राशि प्राप्त करता है। नई कार्ययोजना के तहत विभाग तकनीकी खामियों को दूर करके राज्य सरकार से प्राप्त होने वाली सहायता राशि पर अपनी निर्भरता कम करने पर जोर देगा।
आउटसोर्सिंग से कुशल श्रमिकों की भर्ती
गन्ना विकास विभाग ने यह भी तय किया है कि मई 2025 तक चीनी मिलों के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से कुशल श्रमिकों की भर्ती सुनिश्चित की जाएगी। इससे चीनी उद्योग को मजबूत करने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी।