सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के SIR को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया,मामले में सुनवाई 18 दिसंबर को

न्यायालय ने याचिका को अन्य SIR मामलों से अलग कर दिया और यूपी SIR के मामले की सुनवाई 18 दिसंबर को तय की।

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में समाजवादी पार्टी के नेता अरविंद कुमार सिंह द्वारा उत्तर प्रदेश में निर्वाचन सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है। अरविंद कुमार सिंह ने चुनाव आयोग के 27 अक्टूबर के अधिसूचना को रद्द करने की मांग की है और इसके साथ ही, चुनावी प्रक्रियाओं के लिए निर्धारित समयसीमा में तीन महीने की वृद्धि की भी अपील की है। इस प्रक्रिया में जनगणना, नियंत्रण तालिका का अद्यतन, मसौदा सूची और अंतिम निर्वाचन सूची का प्रकाशन शामिल है।

मुख्य न्यायाधीश सूर्या कांत और न्यायमूर्ति जोयमलय बागची की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे (जो सिंह की ओर से अदालत में पेश हुए थे) की सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। न्यायालय ने याचिका को अन्य SIR मामलों से अलग कर दिया और यूपी SIR के मामले की सुनवाई 18 दिसंबर को तय की। समाजवादी पार्टी के नेता के अलावा, अन्य राजनीतिक दल जैसे DMK, अभिनेता विजय के टीवीके, CPI(M), यूपी कांग्रेस समिति, TMC और उनके नेता भी तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल आदि में SIR को चुनौती दे रहे हैं।

अरविंद कुमार सिंह ने याचिका में चुनाव आयोग के 27 अक्टूबर की अधिसूचना और उससे संबंधित सभी आदेशों को संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 21, 325 और 326 के साथ-साथ RP अधिनियम और रजिस्ट्रेशन ऑफ इलेक्ट्रर्स नियम 1960 के उल्लंघन के रूप में रद्द करने की मांग की है। याचिका में यह भी कहा गया है कि CEO, यूपी द्वारा सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के अध्यक्षों/मंत्रियों को SIR अभ्यास के बारे में सूचित करने वाला आदेश भी अवैध है।

याचिकाकर्ता ने इसके अलावा ECI से यह निर्देश देने की मांग की है कि आधार कार्ड को EPIC कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया पूरी तरह से और व्यापक रूप से संपन्न की जाए। उनका कहना है कि SIR की अधिसूचना और आदेश मनमाने हैं और राज्य के निर्दोष मतदाताओं को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। वे यह भी तर्क दे रहे हैं कि SIR आदेश लाखों मतदाताओं को उनके प्रतिनिधियों का चुनाव करने से वंचित कर देता है।

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