
रिश्वत के मामलों को सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। कोर्ट की एक बेंच ने आदेश देते हुए कहा कि भ्रष्ट अफसरों पर कार्यवाई और सजा परिस्थिति जन्य सबूतों से भी हो सकती है। अब रिश्वत लेने और भ्रष्टाचार करने वाले सरकारी बाबुओं को सजा हो सकती है।
पीठ ने कहा, शिकायतकर्ता की मौत, उसके केस के विरोध में हो जाने या किसी भी अन्य कारण से मामले की सुनवाई धीमी नहीं होगा या सरकारी अधिकारी को बरी नहीं किया जा सकता। उसके खिलाफ किसी भी अन्य सबूत या गवाह की मौजूदगी से भ्रष्टाचार का केस जारी रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद ऐसा फैसला दिया है। जिससे भ्रष्ट सरकारी अफसर तुरंत नप जाएंगे। अब भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत सरकारी अधिकारियों को दोषी ठहराने के लिए प्रत्यक्ष प्रमाण का होना जरूरी नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर परिस्तिथिजन्य सबूतों से यह साबित होता है कि आरोपी अफसर ने रिश्वत की रकम मांगी और ली है, तो उसे भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी ठहराया जा सकता है।








