
मातृत्व अवकाश को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक अहम् फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि किसी महिला को इस आधार पर मातृत्व अवकाश से वंचित नहीं किया जा सकता कि उसके पति क़े पूर्व पत्नी से दो बच्चे हैं।
जिस कारण से Central Service rules क़े तहत वह अवकाश प्राप्त करने की अधिकारी नहीं है, नियम 43 क़े मुताबिक दो से कम जीवित बच्चों की माता ही मातृत्व अवकाश की अधिकारणी है। परन्तु सुप्रीम कोर्ट ने इस प[र कहा कि नियम में बदलाव बहुत जरुरी है।
जब यह इस महिला का पहला बायोलॉजिकल बच्चा है जो इस पति से है जिस कारण दो बच्चों का नियम इस मामले पर लागू नहीं होता है। आगे सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दत्तक या गोद लिए गए बच्चे में भी यही नियम लागू होना चाहिए। कोर्ट ने इन्ही टिप्पणीयों क़े साथ महिला का मातृत्व अवकाश स्वीकृत किया।