
दिल्ली- द्विविवाह पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. IPC की धारा 494 की सुप्रीम कोर्ट ने व्याख्या की है.
दिल्ली -द्विविवाह पर (Bigamy) बड़ा फैसला
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) May 18, 2024
सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में दिए गए अपने निर्णय में कहा है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के तहत दंडनीय द्विविवाह के अपराध के तहत आरोप केवल दूसरे विवाह के पति या पत्नी के विरुद्ध ही लगाया जा सकता है।
दूसरे विवाह में मित्रों और… pic.twitter.com/UIW0DKJvXE
द्विविवाह पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया कि ‘दूसरी शादी करने वाले ही दोषी ठहराए जा सकते हैं. दूसरी शादी करने वाले पति,पत्नी ही दोषी हो सकते हैं.
दूसरी शादी में मौजूदगी से रिश्तेदार,दोस्त दोषी नहीं है. शादी में उपस्थिति मात्र से दोषी नहीं माना जा सकता.
इस मामले में, शिकायतकर्ता रेनार वोपेज ने लुमिना से सेंट थेरेसा लिसिएक्स चर्च में एक ईसाई समारोह में शादी किया था….आरोप है किलुमिना ने विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत शादी शादी अधिकारी के सामने सनीश से दूसरी शादी की थी…
आपको बता दें कि जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ केरल हाईकोर्ट द्वारा पारित उस निर्णय और आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर विचार कर रहे थे, जिसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के समक्ष दायर आपराधिक मामले की कार्यवाही को रद्द करने के लिए याचिकाकार्ता द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया गया था…









