सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां, सरकारी तालाब पर टेंडर, जिला पंचायत अध्यक्ष ने रोकी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई

मेरठ-बागपत से सटे गांव चौबला के बीचोंबीच खूबसूरत सरकारी तालाब की शक्ल अवैध कब्जाधारियों ने बिगाड़ दी है.

जनप्रतिनिधि को जनता का सेवक कहा जाता है…लेकिन मेरठ के जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी ने अपनी मौसेरी रिश्तेदारी की खातिर सरकारी तालाब में पक्की सड़क का टेंडर करा दिया है. सरकारी खजाने से 16 लाख के इस टेंडर का मकसद अवैध अतिक्रमण हटवा रहे प्रशासन को रोकना है. गौरव चौधरी की मौसी के घर सरकारी तालाब की जमीन को घेरकर बनाये गये है. सरकारी टैंडर के जरिये जिला पंचायत अध्यक्ष तालाब के अवैध कब्जे को जायज ठहराने पर जुटे हुए है.

मेरठ-बागपत से सटे गांव चौबला के बीचोंबीच खूबसूरत सरकारी तालाब की शक्ल अवैध कब्जाधारियों ने बिगाड़ दी है. सुप्रीमकोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए यहां तालाब की जमीन कब्जाकर दो दर्जन से ज्यादा मकान खड़े कर दिये गये. जनवरी 2023 में तालाब पर हुए अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासन ने पैमाइश कराई थी.

अब अवैध कब्जेदारों को हटाने के लिए सरकार का बुलडोजर डीजल ही पी रहा था। तभी मेरठ के जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी ने अवैध कब्जेदारों की खातिर अपनी टांग सरकारी काम में अड़ा दी है. गौरव चौधरी ने अवैध बने मकानों के आगे जिला पंचायत से एक आरसीसी रोड का टैंडर पास किया है जो तालाब के दो किनारों तक जायेगी.

जिन दबंगों ने सरकारी तालाब की जमीन कब्जाई है, उनमें जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी की मौसेरी रिश्तेदारी के भी दो मकान है. इन मकानों की आधी लंबाई सरकारी तालाब की जमीन में है. इन मकानों को बाबा के बुलडोजर से बचाने के लिए गौरव चौधरी के इशारे पर जिस सड़क का टैंडर यहां किया गया है, वह बामुश्किल 150 मीटर लंबी है. और हैरत की बात है कि सरकारी तालाब की जमीन में जिला पंचायत परिषद यह टैंडर कैसे कर दिया. यह टेंडर उस वक्त किये गये है जब ज्वाइंट मजिस्ट्रेट यहां अवैध कब्जे हटाने का आदेश दे चुके थे. गौरव चौधरी अपनी सरकारी ताकत और सत्ता के रसूखों से अवैध अतिक्रमण पर बाबा का बुलडोजर रोकना चाहते है.

रिपोर्ट- नरेन्द्र प्रताप

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