
शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या ने नए संसद के उद्धाटन को लेकर बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मुंह में राम बगल में छुरी जैसा काम करती है. उन्होंने कहा कि जब भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू जी को प्रत्याशी बनाया था तब अपनी पीठ थपथपा रही थी और आज जब संसद भवन के उद्घाटन की बात है तो पीछे हट रहे हैं.
उन्होंने भाजपा पर लगातार दलितों पिछड़ों और आदिवासियों का अपमान करने का आरोप लगा दिया. स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा समूचे विपक्ष के शामिल न होने से अगर विदेशों में संदेश जाएगा तो प्रधानमंत्री को यह बात पहले सोचनी चाहिए थी. वहीं एमएलसी चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि इस चुनाव में संख्या बल से कोई लेना देना नहीं है. इस चुनाव में मतदाता फैसला करेंगे कि कौन जीतेगा और कौन हारेगा.
उन्होंने एक बार फिर धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला बयान देते हुए कहा कि “रामराज की बात करने वाले लोगों को मालूम होना चाहिए कि रामराज में सीता जैसी देवी, जो गर्भवती थी और अग्निपरीक्षा से गुजर चुकी थी उनको वनवास पर भेजा गया था.” “रामराज में ही शंबूक का वध हुआ था और बाद में एकलव्य का अंगूठा भी काटा गया.”
उन्होंने भाजपा पर पिछड़ा-दलित आरक्षण के साथ छेड़छाड़ करने की बात कही और कहा कि रामराज की बात करने वाले लोग आज दलितों का पिछड़ों का आरक्षण काटने का काम कर रहे हैं. बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब स्वामी प्रसाद मौर्या ने अपनी जबान से जहर उगला है. पिछले दिनों उन्होंने रामचरितमानस को लेकर विवादित टिपण्णी कर दी थी जिसके बाद बवाल मचा था.
स्वामी प्रसाद मौर्या जैसे लोग, जिन्होंने ऐसे महाकाव्यों को शायद पूरा पढ़ा भी ना हो. आए दिन संदर्भ से इतर उसकी व्याख्या करते हैं. ऐसे लोगों को केवल वोटबैंक दिखता है. समाजवाद के नाम पर ऐसे लोग समाज में एक समुदाय विशेष के प्रति ऐसी भीड़ को खड़ा करते हैं जो अपनी मान्यताओं से कट चुकी होती है और इन जैसे लोगों के प्रोपेगेंडा का शिकार हो जाती है.