
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दे दिया है. दरअसल, रविवार को भारत समाचार से बातचीत करते हुए सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या बागेश्वर धाम के महंत धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को लेकर बयान दे रहे थे. उन्होंने महंत धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को खुलेआम ढोंगी बता दिया.
इस बीच उन्होंने रामचरितमानस को लेकर भी बेहद आपत्तिजनक टिपण्णी की. जब उनसे कहा गया कि महंत धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री लोगों को रामचरितमानस का अनुसरण करना सिखाते हैं तो स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा, “इन्हीं की तरह किसी ढोंगी ने उसको भी लिखा होगा. वो पांच-छह सौ साल पहले का लिखा हुआ है, बहुत हजार साल पहले का नहीं है.”
उन्होंने बेहद आपत्तिजनक टिपण्णी करते हुए कहा कि जिसने रामचरितमानस लिखा है “उन्होंने भी दलितों पिछड़ों को खूब गालियां दी हैं. बड़े पैमाने पर गालियां दी हैं.” उन्होंने कहा कि सरकार के अंदर थोड़ी भी नैतिकता है तो ऐसे जातिसूचक दोहों और चौपाइयों को तुलसी की रामायण से निकलवाना चाहिए. स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि ये धर्मनिरपेक्ष देश है. किसी भी धर्म को किसी को गाली देने का अधिकार नहीं है.
इस संबंध में अपने बयान को और मजबूती देते हुए सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों का भी जिक्र किया. उन्होंने उन चौपाइयों को जातिसूचक और पिछड़ा, दलित और महिला विरोधी बताते हुए अप्रत्यक्ष रूप से गोस्वामी तुलसीदास की आलोचना की.