टेरर फंडिंग : यासीन मलिक को NIA कोर्ट ने उम्रकैद की सज़ा सुनाई, कहा -हिंसा का यासीन मलिक को कोई पछतावा नहीं

दिल्ली की स्पेशल NIA कोर्ट ने कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को टेरर फंडिंग मामले में उम्रकैद की सज़ा सुनाई। दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने यासीन मलिक को दो धाराओं में उम्रकैद की सज़ा सुनाते हुए 10 लाख से ज़्यादा का जुर्माना भी लगाया। NIA कोर्ट के फैसले के अनुसार सभी सज़ा एक साथ चलेंगीं। NIA कोर्ट ने अपने फैसले में कहा यासीन मलिक ने भले ही 1994 में हथियार छोड़ दिया हो लेकिन पहले की गई हिंसा का यासीन मलिक को कोई पछतावा नहीं है। जिन आरोपो के तहत दोषी करार दिया गया, वह बेहद गम्भीर है।

दिल्ली की स्पेशल NIA कोर्ट ने कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को टेरर फंडिंग मामले में उम्रकैद की सज़ा सुनाई। दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने यासीन मलिक को दो धाराओं में उम्रकैद की सज़ा सुनाते हुए 10 लाख से ज़्यादा का जुर्माना भी लगाया। NIA कोर्ट के फैसले के अनुसार सभी सज़ा एक साथ चलेंगीं। NIA कोर्ट ने अपने फैसले में कहा यासीन मलिक ने भले ही 1994 में हथियार छोड़ दिया हो लेकिन पहले की गई हिंसा का यासीन मलिक को कोई पछतावा नहीं है। जिन आरोपो के तहत दोषी करार दिया गया, वह बेहद गम्भीर है।

यासीन मलिक को टेरर फंडिंग मामले में उम्रकैद की सज़ा सुनाते हुए NIAकोर्ट ने कहा कि सरकार ने मालिक को सुधरने का मौका दिया लेकिन राजनैतिक संघर्षो की आड़ में हिंसा का रास्ता नहीं छोड़ा। कोर्ट ने फैसले में कहा यासीन मालिक ने अहिंसा के लिए गांधीवादी सिद्धांतों के अनुयायी होने का दावा करता है लेकिन एजेंसी द्वारा सबूत कुछ और ही दिखाते हैं।गांधी ने चौरी चौरा कांड के बाद असहयोग आंदोलन को वापस लिया था जबकि मलिक ने घाटी में हिंसा के बावजूद भी अपना विरोध वापस नहीं लिया । NIA कोर्ट ने फैसले में कहा जिन आरोपो के तहत दोषी करार दिया गया, वह बेहद गम्भीर हैं। मालिक का मकसद जम्मू कश्मीर को भारत से अलग करने का था। कोर्ट ने फैसले में कहा अपराध इसलिए भी गम्भीर हो जाता है कि विदेशी ताकतों की शह पर इसे अंजाम दिया गया और शान्तिपूर्ण राजनीतिक आंदोलन की आड़ ली गई।

9 मामलों में यासीन मालिक को को सुनाई गई सजा

टेरर फंडिंग मामले में यासीन मलिक को दो बार उम्रकैद की सजा सुनाई गई। मलिक को कुल 9 मामलों में सजा सुनाई गई है। धारा 120B (आपराधिक साजिश) के तहत 10 साल की सज़ा और 10 हज़ार का जुर्माना, धारा 121A (भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए षड्यंत्र करना) के तहत 10 साल की सज़ा और 10 हज़ार का जुर्माना, धारा 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध) के तहत उम्रकैद की सज़ा और 10 हज़ार का जुर्माना, UAPA की धारा 13 के तहत 5 साल सज़ा और 5 हज़ार जुर्माना, UAPA की धारा 15 के तहत 10 साल की सज़ा और 10 हज़ार का जुर्माना, UAPA की धारा 17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाना)  के तहत उम्रकैद सज़ा और 10 लाख का जुर्माना, UAPA की धारा 18 (आतंकवादी कृत्य करने की साजिश) के तहत 10 साल की सज़ा और 10 हज़ार का जुर्माना, UAPA की धारा-20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) तहत 10 साल की सज़ा और 10 हज़ार का जुर्माना, UAPA की धारा 38 और 39 के तहत 5 साल की सज़ा और 5 हज़ार का जुर्माना लगाया। जुर्माना नहीं भरने पर अलग अलग धारा में अतरिक्त सज़ा काटनी होगी।

सज़ा पर बहस के दौरान  राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने यासीन मलिक  को मौत की सज़ा देने को मांग किया था। एनआईए ने कहा था कि यासीन मलिक कश्मीर में आतंकी घटना को अंजाम देने में लिप्त रहा है और उसने आतंकी फंडिंग में अहम का लगाई है इन लोगों का देश कश्मीर को भारत से अलग करने का था पाकिस्तान से पैसा आता था और यह पैसा आतंकी गतिविधियों में लिप्त कौन से गठजोड़ करने वालों पर खर्च किया जाता था ताकि मैं कश्मीर का माहौल खराब किया जा सके। यह सीधे देशद्रोह का मामला है यासीन मलिक को मृत्युदंड की सजा देना जरूरी है ताकि दूसरों को सबक मिल सके।

सज़ा पर बहस के दौरान यासीन मलिक ने कहा कि बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद 30 मिनट के अंदर ही मुझे गिरफ्तार कर लिया गया था। मलिक ने यह भी कहा कि 1994 में हथियार छोड़ने के बाद मैंने महात्मा गांधी के सिद्धांतों का पालन किया है और तब से मैं कश्मीर में अहिंसक राजनीति कर रहा हूं। कोर्ट में यासीन ने कहा कि 28 सालो में अगर मैं कही आतंकी गतिविधि या हिंसा में शामिल रहा हूं इंडियन इंटेलिजेंस अगर ऐसा बता दे तो मैं राजनीति से भी सन्यास ले लूंगा, फांसी मंजूर कर लूंगा। 7 पीएम के साथ मैंने काम किया है।

दरअसल, साल 2017 की हिंसा से जुड़ा है मामला. आतंकी बुरहान की मुठभेड़ में मौत के बाद साल 2016-2017 में कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाएं बढ़ी थीं। इसके बाद जांच एजेंसी एनआईए ने यासीन मलिक और अन्य अलगाववादियों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया था।

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