एटा में समाजवादी पार्टी के विधान परिषद प्रत्याशी उदयवीरसिंह का नामांकन पत्र लेकर भाजपाई भाग गये. उदयवीर सिंह के साथ इस दौरान अभद्रता और मारपीट भी हुई है. पुलिस ने पर्चा छीनने वाले एक युवक को पकड़कर उसकी जमकर पिटाई की है. विधानसभा चुनाव में अपने गढ़ एटा में अपना वर्चस्व खो चुकी सपा की प्रतिष्ठा एमएलसी चुनाव में दांव पर लगी हुई है.
हुआ यूं कि समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता और वर्तमान में एमएलसी उदयवीर सिंह ने दोपहर में कलैक्ट्रेट में जाकर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. वह नामांकन स्थल से बाहर आ गये और अपने नामांकन पत्र का दूसरा सेट लेकर फिर से दाखिल करने जाने लगे. इस दौरान वहां मौजूद कुछ भाजपा नेता और उनके समर्थकों ने उदयवीर सिंह का विरोध कर दिया.
उदयवीर सिंह को मजबूरन बाहर आना पड़ा. इसी दौरान उनके साथ धक्का-मुक्की और मारपीट भी की गयी. उदयवीर सिंह एक फाइल में अपने नामांकन पत्र का दूसरा सेट थामे थे. इसी दौरान उनकी फाइल छीनकर एक बीजेपी कार्यकर्ता भाग गया. पर्चा छीनकर भाग गये भाजपाईयों में से एक को सपाईयों ने दबोच लिया और उसे पीटने लगे. उदयवीर सिंह ने आगे आकर उस युवक को बचाया.
इसी दौरान वह युवक पुलिस के हत्थे चढ़ गया. फिर एक दारोगा ने उस युवक की जमकर पिटाई की. उदयवीर सिंह इस दौरान नामांकन स्थल के गेट पर पहुंचे लेकिन पुलिस से पहले ही भाजपा नेता ने उन्हें रोक दिया और उनके साथ गाली-गलौज की. उदयवीर सिंह से फिर से धक्का मुक्की भी की गयी. उन्हें दूसरा पर्चा दाखिल किये बगैर लौटना पड़ा.
मामला तूल पकड़ने के बाद एटा के अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार ने अपने बयान में कहा है कि मारपीट की घटना की जांच के आदेश दे दिये गये है. जांच पूरी होने के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
उदयवीर का सपा के पूर्व दिग्गज से है मुकाबला-
एटा विधान परिषद सीट से समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायमसिंह के करीबी रमेश यादव के बेटे पर इस बार बीजेपी ने दांव खेला है. विधान परिषद के सभापति रहे रमेश यादव के बेटे आशीष यादव आशू बीजेपी के टिकट से चुनाव मैदान में है. आषीश यादव 2012 में एटा सदर सीट से विधानसभा का चुनाव समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीते थे. आशीष यादव 2017 में अपना टिकट कटने के बाद बागी हो गये और रालोद में शामिल हो गये थे.
बताया जाता है कि पर्दे के पीछे रहकर आशीष यादव ने बीजेपी के लिए विधानसभा चुनाव में जमकर भितरघात किया. भाजपा द्वारा उनको एमएलसी के लिए प्रत्याशी बनाया जाना इलाके के लोगो के लिए किसी आश्चर्य से कम नही था. एटा के राजनीतिक जानकार बताते है कि आशीष यादव विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ज्वाइन कर चुके थे लेकिन इस बात की किसी को कानोंकान खबर तक नही हुई.