वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी को विकास की नयी नई सौगात देते रहते है,अब इसी क्रम में पीएम ने अपने संसदीय क्षेत्र को गंगा नदी पर एक नए रेल-सह-सड़क पुल को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, नया रेल-सड़क पुल परिवहन क्षमता के मामले में ‘सबसे बड़ा’ होगा।
नया पुल 150 साल की उम्र के हिसाब से डिजाइन किया जाएगा और इसकी लंबाई एक किलोमीटर से ज्यादा होगी।रेल मंत्री ने बताया की पुल की संरचना की जटिलता देखते हुए इसे पूरा होने में करीब चार वर्ष का समय लगेगा।
नया पुल प्रति वर्ष करीब 8 करोड़ लीटर डीजल आयात बचाएगा
आपको बता दे कि नया पुल बन जाने से प्रति वर्ष करीब 8 करोड़ लीटर डीजल आयात बचाएगा,जिसके चलते प्रति वर्ष करीब 638 करोड़ रुपए की बचत करेगा।2642 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना का उद्देश्य भारतीय रेलवे के व्यस्ततम खंडों पर परिचालन को सुव्यवस्थित करनाऔर भीड़भाड़ को कम करना है.यह परियोजना आवश्यक बुनियादी ढांचे में सुधार प्रदान करेगी।
भारतीय रेलवे के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में, वाराणसी रेलवे स्टेशन महत्वपूर्ण क्षेत्रों को जोड़ता है और तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और स्थानीय आबादी के लिए प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। वाराणसी और पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के बीच का मार्ग यात्री और माल यातायात दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि, कोयला, सीमेंट और खाद्यान्न जैसे आवश्यक सामानों के परिवहन के साथ-साथ पर्यटन और उद्योग की बढ़ती मांगों को पूरा करने के कारण इसे काफी भीड़भाड़ का सामना करना पड़ता है।इस चुनौती से निपटने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार जरूरी है। इनमें गंगा नदी पर एक नया रेल-सह-सड़क पुल का निर्माण और तीसरी और चौथी रेलवे लाइनों की शुरूआत शामिल है।
यूपी के दो जिलों को कवर करते हुए यह परियोजना भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क का लगभग 30 किलोमीटर का विस्तार करेगी। यह रेल सह सड़क पुल,जो लगभग 137 साल पुराना है,में दो रेल लाइन और दो सड़क लेन है.रेल मंत्री ने कहा कि पुल की उम्र और वाराणसी और DDU के बीच मार्ग की अतिसंतृप्ति के कारण, जो वर्तमान में 163 %है, पूरे क्षेत्र में कुशल और सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करने के लिए मालवीय पुल को बदलने की तत्काल आवश्यकता है.