अग्निपथ योजना पर केंद्र सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट, कहा- कोई फैसला लेने से पहले हमारा पक्ष भी सुने…

सेना में बड़े रिफॉर्म की योजना अग्निपथ को लेकर देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अग्नि पथ योजना मामले में कैवियट याचिका दाखिल की है। कैवियट याचिका में आग्रह किया है कि मामले में उसका पक्ष सुने बिना कोई आदेश जारी ना किया जाए। अग्निपथ योजना को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अब तक तीन याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं।

अग्निपथ की योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीसरी वकील हर्ष अजय सिंह ने दाखिल किया है। अजय सिंह ने याचिका में सरकार को अग्निपथ योजना पर पुनर्विचार करने का निर्देश देने की मांग की है। याचिका में कहा कि सरकारी खजाने पर बोझ कम करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता है। चार साल बाद रिटायर हुए अग्निवीर बिना किसी नौकरी के गुमराह हो सकते हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में अग्निपथ भर्ती योजना को चुनौती देते हुए वकील विशाल तिवारी और वकील एमएल शर्मा ने याचिका दाखिल की थी।

अग्निपथ योजना की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट के वकील एमएल शर्मा ने याचिका दाखिल की है। मनोहर लाल शर्मा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि सरकार ने सशस्त्र बलों के लिए वर्षो पुरानी चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया है, जो संवैधानिक प्रावधान के विपरीत है और इसके लिए संसद से मंजूरी भी नहीं ली गई है। एम एल शर्मा ने याचिका में देशभर में जारी विरोध प्रदर्शनों का हवाला देते हुए अग्निपथ योजना संबंधित अधिसूचना को अवैध और असंवैधानिक बताते हुए रद्द करने की मांग की है। वही अग्नीपथ योजना को लेकर देशभर में हो रही हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की एसआईटी जांच की मांग को लेकर वकील विशाल तिवारी ने याचिका दाखिल किया है।

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