ED CBI निदेशकों का कार्यकाल 5 साल तक बढ़ाने के केंद्र सरकार के अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। सुप्रीम कोर्ट में वकील एम एल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके अध्यादेश को रद्द करने की मांग किया गया है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से दोनों अध्यादेशों को असंवैधानिक, अवैध और गैरकानूनी करार देने कि मांग की।
याचिका में कहा कि केंद्र सरकार का अध्यादेश असंवैधानिक मनमाना और संविधान के साथ धोखाधड़ी है। सदन में बहुमत के बिना सरकार को कोई अध्यादेश जारी करने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ऐसे मामलों पर केंद्र और राज्य सरकार को बहुमत से फैसला लेने का आदेश जारी करें।
दरअसल केंद्र सरकार ने 14 नवंबर को दो अध्यादेशों के जरिए CBI और ED के निदेशक के अधिकतम कार्यकाल बढ़ाया है। इस अध्यादेश के पारित होने के पहले तक ये नियुक्तियां दो साल की तय अवधि के लिए होती थी। यह सेवा विस्तार दो साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद विशेष परिस्थितियों व नियुक्ति समिति की अनुशंसा के आधार पर एक-एक वर्ष के लिए तीन बार मिल सकती है।