
सीतापुर; जिले की पुलिस के काले कारनामों की वजह से प्रदेश भर में पुलिस महकमे की किरकिरी हो रही है. सीएम योगी ने भले ही भ्रष्टाचार के विरुद्ध अफसरों को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हों… लेकिन सीतापुर पुलिस पर सीएम के आदेश का कोई प्रभाव नहीं पड़ता दिख रहा है. कुछ ऐसा ही मामला जिले के पिसावां थाना क्षेत्र से सामने आया है. यहां कुतुबनगर चौकी में तैनात एक सिपाही ने फर्जी मुकदमा दर्ज कराने का भय दिखाकर पीड़ित से 40 हजार रुपये रिश्वत की डिमांड कर दी.
दरअसल, पिसावां थाना क्षेत्र के कैथोलिया गांव निवासी पंजाब सिंह ने बताया कि वह कुतुबनगर के एक थोक व्यापारी से बालू, मौरंग खरीद कर घर ले जा रहे थे. लेकिन तभी कुतुबनगर पुलिस चौकी के पास मौजूद सिपाही अभिषेक सिंह चंदेल ने उन्हें रोका और अवैध खनन में मुकदमा दर्ज करने की धमकी देने लगा. उन्होंने जब बालू, मौरंग खरीद और धर्मकांटा पर वजन कराने की पर्ची दिखाई तो सिपाही भड़क गया और ट्रैक्टर-ट्राली लेकर थाने पहुंचा.
यहां मामला रफा-दफा करने के नाम पर उसने 40,000 रूपये की डिमांड रख दी. पीड़ित इतनी बड़ी रकम सिपाही को दे पाने में सक्षम नहीं था. लेकिन उसने मुकदमा लिखने के भय से एक पेट्रोल पंप पर अपनी बाइक गिरवीं रखकर सिपाही की डिमांड पूरी की. बकौल पंजाब जब उन्होंने सिपाही का वीडियो बनाया तो सिपाही ने मोबाइल तोड़ दिया. इस बावत जब थानेदार फूलचंद्र सरोज से बात की गई तो उन्होंने पूरे मामले से अनभिज्ञता जताई.
अब सुलह का दबाव बना रहा सिपाही
पीड़ित ने बताया कि उनके द्वारा शिकायत करने के बाद आरोपी सिपाही अभिषेक सिंह चंदेल उनके घर पहुंचा. सिपाही ने रिश्वत में लिए गए रुपये वापस करते हुए मोबाइल बनवाने का आश्वासन दिया. साथ ही उसने सुलह करने की बात कही. चर्चा है कि सिपाही द्वारा पीड़ित परिवार को धमकाया जा रहा है कि पुलिस से दुश्मनी ठीक नहीं होती है. गौरतलब है कि सिपाही पर पहले से ही अवैध खनन कराने और जुआरियों को संरक्षण देने के आरोप लगते रहे हैं.
सीओ कर रहे जांच, होगी कार्रवाई
वहीं, मामले की जानकारी देते हुए मिश्रिख सीओ अमन सिंह ने बताया कि वादी ने आईजीआरएस के माध्यम से शिकायत की है. मामले की जांच की जा रही है. पीड़ित पक्ष ने अपने बयान दर्ज कराए हैं. आरोपी को भी बयान देने के लिए बुलाया जाएगा. सभी बिंदुओं की जांच-पड़ताल के बाद दोष सिद्ध होने पर आरोपी के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.









