नोएडा के बुर्ज खलीफा के ध्वस्तीकरण का काउंटडाउन शुरु, तमाम सावधानियों के बाद भी हो सकती हैं समस्याएं

नोएडा स्थित ट्वीन टावर के ध्वस्तीकरण का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. ट्वीन टावर में मंगलवार को विस्फोटक लगाने का काम भी पूरा कर लिया गया है. ये विस्फोटक विशेषज्ञों के टीम की निगरानी में एमराल्ड ट्विन टॉवर में लगाए गए.

Desk: नोएडा स्थित ट्वीन टावर के ध्वस्तीकरण का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. ट्वीन टावर में मंगलवार को विस्फोटक लगाने का काम भी पूरा कर लिया गया है. ये विस्फोटक विशेषज्ञों के टीम की निगरानी में एमराल्ड ट्विन टॉवर में लगाए गए. 32 माले की की इस इमारत में यह काम 10 दिनों पूरा किया गया. आनें वाले 28 अगस्त को दोपहर के 2.30 बजे कोर्ट के आदेश के बाद ट्विन टॉवर का ध्वस्तीकरण कर दिया जाएगा.

इस ध्वस्तीकरण को लेकर जितनी भी तैयरियां होती है वो लगभग पूरी कर ली गई हैं. इससे संबंधित सुरक्षा संबंधी सभी मानकों को दुरुस्त कर लिया गया है. सुपरटेक लिमिटेड ने पास के एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसाइटियों में टावरों का एक संरचनात्मक ऑडिट प्रस्तुत किया. टावर के ध्वस्तीकरण के दिन आस पास की सभी इमारतों को खाली करा दिया जाएगा साथ ही इसमें रहने वाले लोगों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा. टावर के ध्वस्तीकरण के दौरान कुछ वक्त के लिए ट्रैफिक को भी रोका जाएगा. इस टावर में 10 सेकेंड तक लगातार धमाका होगा और 23 मंजिला इमारत धाराशाई हो जाएगी.

ट्वीन टावर देश की पहली इतनी बड़ी इमारत है जिसे ध्वस्त किया जाना है. इससे पहले देश में अभी तक इतनी उंची किसी भी इमारत को ध्वस्त नहीं किया गया है. अब इसको लेकर तैयरियां पूरी कर ली गई है. इस ध्वस्तीकरण के लिए काफी तैयारियां करनी पड़ी है. क्यों कि इंसानों से लेकर पर्यावरण तक पर इसका खासा प्रभाव पड़नें वाला है. अब इससे निपटनें के लिए भी इससे संबंधित अधिकारियों को करना पड़ेगा. हम आपको अपने इस आर्टिकल में आपको बताने जा रहें हैं कि क्या प्रभाव पर्यावरण पर पड़ेगा और इससे बचनें के लिए किस प्रकार की तैयारियां की जानी चाहिए.

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बारिश होनें पर स्थिति रहेगी अनुकूल

ट्वीन टावर के ध्वस्तीकरण के दिन यदि बारिश होती है तो स्थिति काफी अनुकूल रहेगी. इतनी बड़ी इमारत के ध्वस्तीकरण के दौरान ढेर सारी मात्रा में धूल के कड़ हवा में उड़ने की संभावना है लेकिन ध्वतीकरण के दौरान या इससे कुछ देर पहले बारिश हो जाए तो संभव है कि धुल के के कड़ हवा में उड़ने की बजाए दब जाएंगे. इससे आस पास रहने वालों को काफी राहत मिलेगी साथ ही ये धूल के कड़ कम समय के लिए हवा रहेंगे जिससे आस पास के इलाको में रहने वालों कम दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

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हवा डालेगी प्रभाव

ट्वीन टावर के ध्वस्तीकरण के दिन यदि तेज हवा चल रही है तो इससे कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. बताया जा रहा है कि ध्वस्तीकरण के दौरान धुल का गुब्बारा कुछ समय तक हवा में दिखेगा. जिसके कारण विजीबिलीटी शून्य हो जाएगी. अब इस बात को भी ध्यान में रखना होगा यदि इस दिन हवा तेज चलती है तो धूल के कड़ दूर तक जाएंगे इससे काफी सारे लोगो को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. यदि हवा का रुख धीमा रहता है तब हवा में कड़ दूर तक नहीं जाएंगे. जिससे स्थिति सामान्य रहेगी.

3000 ट्रकों से ढोया जाएगा मलबा

ट्वीन टावर को ध्वस्त करनें में महज 9 सेकेंड का समय लगेगा. लेकिन इसके मलबे को हटाना अपने आप में एक बड़ी चुनौती होगी. कोर्ट के आदेशानुसार इसके मलबे को हटानें के लिए 3000 हजार ट्रकों को लगाया जाएगा. बावजूद इसके मलबा ढोनें में समय लगेगा.

लोगों को किया जा रहा शिफ्ट

ट्वीन टावर देश की पहली इतनी बड़ी इमारत है जिसे ध्वस्त किया जाएगा. इससे पहले देश में इतनी बड़ी इमारत को नही ढहाया गया है. इसको लेकर कुल तैयारियां पूरी कर ली गई है. इमारत में ब्लास्ट के बाद से एक धुंए का अंबार उठेगा जो लोगों के लिए काफी नुकसान दायक होगा. इसको देकते हुए आसपास के लोगो को निर्देश दिए गए है कि 28 अगस्त को सुबह अपनें घरों को छोड़ कर शेल्टर घरों में शिफ्ट हो जाएं.

कंपन होगा महसूस

करीब 3700 किलोग्राम विस्फोटक के उपयोग से इमारत को विध्वंस किया जाएगा. इतनें भारी मात्रा में पहली बार विस्फोटक पहली बार उपयोग किया जा रहा है. इस पूरे प्रकरण को विशेषज्ञों की निगरानी में किया जाएगा, जानकारों का मानना है कि इतनी भारी मात्रा में विस्फोटक का उपयोग आस पास के क्षेत्रों में कंपन महसूस करा सकता है. हालांकि नोएडा की सभी इमारतें भूकंप निरोधी है इससे इस ब्लास्ट का असर उनपर नही होगा.

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