
Desk: जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ आज देश के 50वें सीजेआई बने. जिसके बाद वो मीडिया से मुखातिब हुए. भारत के नए सीजेआई ने कहा कि आम आदमी की सेवा करना मेरी प्राथमिकता है. आगे आप देखते जाइए हम चाहे तकनीकी रिफॉर्म हो, रजिस्ट्री रिफॉर्म हो, ज्यूडिशियल रिफॉर्म हो उसमें नागरिक को प्राथमिकता देंगे.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ नें अपने कार्यकाल में कई अहम फैसले दिए है जिनके बारे में कोई सोचा न था. राममंदिर भूमि विवाद में जो फैसला आया उन जजों की पीठ में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल थे. अयोध्या जन्मभूमि विवाद, राइट टू प्राइवेसी, सेक्शन 377 और आधार स्कीम की वैधता समेत ऐसे कई अहम मामले रहे हैं, जिनका फैसला सुनाने वाली बेंच का जस्टिस चंद्रचूड़ हिस्सा रहे हैं.
हाल ही में अवविवाहित महिलाओं को भी 6 माह तक का गर्भ गिराने की परमिशन वाले देने वाली बेंच का भी वह हिस्सा थे. साथ ही नोएडा में सुपरटेक के दोनों टावर 28 अगस्त को गिराया गया. 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने टावरों को तोड़ने का आदेश दिए था. ट्विन टावर के निर्माण में नेशनल बिल्डिंग कोड के नियमों का उल्लंघन किया गया.
आपको बता दें कि डीवाई चंद्रचूड़ नें बॉम्बे हाईकोर्ट में वकील के रुप में प्रक्टिस की है. चंद्रचूड़ वर्ष 1998 से 2000 तक एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया के तौर पर नियुक्त किए गए थे. 29 मार्च 2000 को बॉम्बे हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज के तौर पर नियुक्त किए गए. 31 अक्टूबर 2013 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने थे. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई बड़ें फैसले लिए थे. 13 मई 2016 सुप्रीम कोर्ट में जज बने थे.
सीजेआई धनंजय वाई चंद्रचूड़ पहले ऐसे सीजेआई बने है जिनके पिता भी वाई वी चंद्रचूड़ भारत के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) थे. वे 22 फरवरी, 1978 से 11 जुलाई, 1985 तक इस पद पर रहे थे. जस्टिस चंद्रचूड़ का कार्यकाल दो सालों तक रहेगा. जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर, 2024 इस पद पर बने रहेंगे.









