स्काई बस सर्विसेज के सपने ने फिर भरी उड़ान, केंद्रीय मंत्री गडकरी ने जल्द शुरु करने की कही बात

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने स्काई बस सर्विसेज़ की शुरुवात को लेकर अपनी इच्छा प्रकट की है , उन्होंने जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी स्काई बस की सेवाओं को शुरु करने की बात कही है

नई दिल्ली स्काई बस सर्विसेज़ एक बार फिर से चर्चित विषय बन चुका है , जहाँ भारत तरक्क़ी की हर रेख़ा को पार करने में जुटा हुआ है वही इसी बीच में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने स्काई बस सर्विसेज़ की शुरुवात को लेकर अपनी इच्छा प्रकट की है , उन्होंने जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी स्काई बस की सेवाओं को शुरु करने की बात कही है ।

जितनी ही ये सेवा सुनने में दिलचस्प लग रही है, उतने ही इसके फायदे होंगे , अनुमान कुछ ऐसा लगाया जा रहा है की यह सेवा दिल्ली से गुरुग्राम जैसे व्यस्त रास्ते में चालू किया जाएगा जिसका सबसे बड़ा फायदा वहां रह रहे लोगों को होगा ,वहां के रास्तों में हो रही ज़बरदस्त भीड़ और ट्रैफ़िक का रुख मोड़ा जा सकता है और आना-जाना और भी आसान हो पाएगा ,साथ ही सफ़र में लगने वाला समय भी काम किया जा सकता है।

तो क्या है स्काई बस सर्विस ?

बिजली से चलने वाली एक मेट्रो के सामान सेवा है , जो एक सस्ता , सुविधाजनक आसान और समय बचाने वाला परिवहन का साधन है। जैसा की हमें पता है की मेट्रो के डिब्बे ज़मीन पर बिछे पटरियों पर चलते हैं , स्काई बस के डब्बे ऊपर की तरफ़ बनी एक ऊंची पटरी पे केबल के माध्यम से चलने वाला साधन है।

अनुमान ऐसा लगाया जा रहा स्काई बस 100 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज़ी से चलेगी। स्काई बस को उल्टे रूप में बनाया गया है जो गुरुत्वाकर्षण का उपयोग करके वाहन के पहियों और रेल को कंक्रीट बॉक्स से स्थायी रूप से जोड़ता है, जिससे पटरी से उतरने या पलटने से बचाव होता है और लागत में कटौती होती है।

स्काई बस के स्वप्न का जन्म

नितिन गडकरी ने इस सपने को जल्द से जल्द पूरा करने की बात जो अभी कही है लेकिन यह चर्चा साल 2003 में तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी की थी जहाँ इन्होने इस प्रोजेक्ट को 100 करोड़ रुपये के बजट के साथ करने की घोषणा की थी लेकिन कुछ कारणवश ये पूरा न हो सका। दोबारा फिर एक बार 2023 में ये चर्चा छिड़ी है और इस बार ये पायलट प्रोजेक्ट दोबारा पेश करने के बाद इस सपने को पूरा करके भारत को सफ़लता और विकास के एक और स्तर को पार करने की उम्मीद जगा दी है।

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